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- इस आत्मीय तस्वीर में...
डॉ राकेश पाठक
ये तस्वीर एक राजनेता और उनकी समर्थक महिला नेत्री की है। अपने आदर्श राजनेता के केंद्र में मंत्री बनने से भाव विभोर महिला नेत्री की यह एक भावुक अभिव्यक्ति है।
इस पल में नेता का आत्मीय सम्बल अगर आपको जरा सा भी ग़लत लगता है तो आपकी आंख में मवाद पक चुका है।
...और हाँ आपको पता ही नहीं है कि आपके दिल दिमाग़ की गंदगी कब आंखों में मवाद बन कर बहने लगी है?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के केन्द्र में कैबिनेट मंत्री बनने पर मप्र की पूर्व मंत्री इमरती देवी इन्हें बधाई देने पहुंचीं। नेता की तरक़्क़ी से भाव विभोर इमरती की आंख से आंसू बह निकले।
सिंधिया ने उन्हें आत्मीय भाव से गले लगा लिया।
सोशल मीडिया के जहरीले ट्रोल्स इस तस्वीर पर निशाना साध कर सिर्फ़ अपनी गंदी नज़र की ही नुमाइश कर रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से वैचारिक सहमति-असहमति एक तरफ़ रख दीजिये। वे एक शालीन राजनेता हैं। अपने समर्थकों, सहयोगियों के सुख-दुःख में शामिल रहते हैं। इमरती देवी उनके वृहद राजनैतिक परिवार की आत्मीय सदस्य हैं।
हम एक नागरिक,शुभ चिंतक,मतदाता और पत्रकार हर रूप में उनके हालिया दलबदल से असहमत हैं लेकिन फिर भी इस तरह उन पर या इमरती देवी पर कीचड़ उछालने के खिलाफ़ चट्टान की तरह खड़े हैं।
इमरती सहज, सरल, बेलाग, छल छद्म से दूर ज़मीन से जुड़ी महिला हैं। निजी तौर पर हमारी पारिवारिक सदस्य जैसी हैं। उन पर या किसी भी महिला-पुरुष पर इस तरह कीचड़ उछाल कर आप अपने कुंठित होने की निशानी छोड़ रहे हैं।
मेहरबानी करके बची रहने दो सहजता,बचा रहने दो अपनापन, बची रहने दो रिश्तों में गर्मजोशी..
और इन सबको बचा कर बचा रहने दो जीने लायक समाज...!🙏
नोट: यह हमेशा याद रखिये कि इस तरह तस्वीरों के बहाने गांधी,नेहरू पर कीचड़ उछालने की शुरुआत किसने की थी...?
कौन हैं समाज में झूठी तस्वीरों के सहारे नायकों,महानायकों की चरित्र हत्या करने वाले?
अगर आप नहीं जानते तो आपसे कुछ नहीं कहना।