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- जयभान सिंह पवैया को...
जयभान सिंह पवैया को आखिर मध्यप्रदेश की राजनीत से दूर क्यों किया? जानिए पूरी वजह!
भारतीय जनता पार्टी की टॉप लीडरशिप ने मध्य प्रदेश के सीनियर लीडर जय भान सिंह पवैया को महाराष्ट्र का सह प्रभारी बना दिया है. पहली नजर में यह माना जा रहा है उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर जगह दी गई है. लेकिन अंदरूनी राजनीति कुछ और ही कहती है जिसमें एक नई कहानी नजर आ रही है.
इस कहानी के मुताबिक कहां जा रहा है की मध्य प्रदेश की पॉलिटिक्स से उन्हें दूर करने की कोशिश की गई है. दरअसल लोकल राजनीति में भी सिंधिया परिवार के हमेशा धुर विरोधी माने जाते रहे हैं. महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनके रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं. दोनों के बीच रिश्ते सामान्य कराने की कई कोशिशें की गई लेकिन वे आज तक परवान नहीं चढ़.
अभी जिन 28 सीटों के लिए उपचुनाव हुए उन में 16 सीटें पवैया के प्रभाव वाले क्षेत्र में आती हैं. जिसे सिंधिया का असर वाला इलाका माना जाता रहा है यहां के नतीजे विपरीत ना हो पाए इसके मद्देनजर पवैया का बहुत मन मनोबल किया गया लेकिन इसके बावजूद भी वहां के नतीजे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आशाओं के अनुकूल नहीं आए.
अब यह माना गया है कि सिंधिया और पवैया के बीच अब टकराव और बढ़ सकता है. ऐसे में पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्राचे प्रभारी बनाकर उनको मध्य प्रदेश से बाहर व्यस्त कर दिया है. बीजेपी लीडरशिप फिलहाल सिंधिया के लिए किसी तरह की मुश्किल नहीं खड़े होने देना चाहती है.
अपने प्रभाव वाले इलाके में बेहतर प्रदर्शन न दिखा पाने से दबाव में आए सिंधिया के लिए भैया का प्रमोशन जरूर सुकून देने वाला होगा. अब वह है यह कहने की स्थिति में आ गए हैं टकराकर इतना आसान नहीं है जितना लोग सोचते हैं. जल्दी केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. जिसमें उम्मीद की जा रही है सिंधिया को उनके कद के मुताबिक मंत्रिमंडल में हिस्सा मिल जाएगा.