इंदौर

काफ़िरों के बच्चे बनाम मोमिन की बकरी, आज इंदौर, तो कल सारा हिंदुस्तान इंतजार में है..... आपके बच्चे भी

Special Coverage News
8 March 2019 1:54 PM GMT
काफ़िरों के बच्चे बनाम मोमिन की बकरी, आज इंदौर, तो कल सारा हिंदुस्तान इंतजार में है.....  आपके बच्चे भी
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नरेश शर्मा

खबर मध्य प्रदेश के इंदौर से है! जहाँ सोनी इंटर नेशनल स्कूल की बस नेमावर रोड पर बच्चों को ले कर जा रही थी ,बस में नर्सरी से आठवीं कक्षा के करीब 50 बच्चे थे। काजी पलासिया गाँव के पास अचानक से बकरी का बच्चा बस के सामने आ गया! ड्राइवर ने भरपूर कोशिश की उसे बचाने की लेकिन उसकी कोशिश नाकामयाब रही ! इमरजेंसी ब्रेक लगाने से उसके ब्रेक सिस्टम भी जाम हो गया ! बकरी के बच्चे की मौत की खबर सुनते ही आक्रोशित ग्रामीणों का हजूम बस की तरफ पथराव करते हुए आया ! बस में उपस्थित अटेंडेंट और टीचर ने बच्चों को नीचे बस में लेटने के लिए कहा और घबराये ड्राइवर ने वहां से बच्चों की सलामती की खातिर बस निकालने की सोची !

तब तक एक महिला दौड़ते हुए बस में चढ़ गई और रेंगती हुई बस के ड्राइवर की गर्दन दबोच ली ! जिससे ड्राइवर का बस से नियंत्रण छूट गया और बस निकट एक खेत में जा घुसी ! उधर ग्रामीणों ने बस पर पथराव जारी रखा , चारों तरफ कांच के टुकड़े उड़ते रहे ! बच्चों की चीख पुकार से भी उन पर कोई असर नहीं हुआ ! ड्राइवर कंडक्टर और टीचर उनसे हाथ जोड़ कर मासूम बच्चों की दुहाई देते रहे लेकिन गुस्साए लोगों के कानो में जूँ नहीं रेंगी ! किसी तरह टीचर ने स्कूल प्रबंधन को फोन किया और वहां से 100 डॉयल कर पुलिस मदद मँगाई !

9 बच्चों को गंभीर चोटें आईं जिन्हें उपचार के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया ! बस में लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से ग्रामीणों की पहचान कर गिरफ्तारी कर ली गई हैं ! आरोपी शकील, रफीक , रशीद, आरिफ , शाबिर , आसिफ , नईम नासिर, जावेद, नौशाद, मेहमूद और महिला रिजवाना पर बलवा, मारपीट और पथराव का केस दर्ज कर लिया गया है !

सच कहते नसीरुद्दीन शाह जैसे लोग, बहुत असहिष्णुता बढ़ गई हैं, बाहर निकलने में डर लगता है उन्हें ! रविश कुमार जैसे लोग भी सही कहते हैं कि समाज में नफरत की हवा फैली हुई है, जिससे डर लगता है ! लेकिन इन जैसे संवेदनशील लोग जब सामाजिक नफरतों को सुनने और बताने में पक्षपात करने लगते हैं तब यकीनन इनसे ज्यादा डर लगने लगता है !

मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जैसे अपराधों का बोलबाला बढ़ा हैं वह अपने आप में एक चेतावनी हैं ! मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिवाए तबादलों के और कोई काम नहीं किया !शायद लोकसभा चुनावों के लिए फंडिंग इन्ही तबादलों से शुरू की गई हैं ! मध्यप्रदेश अब पंजाब,कर्णाटक,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान ,केरल ,बंगाल जैसे उन खुशहाल प्रदेशो में शामिल हैं जिनमे मीडिया को अब दोष नजर नहीं आएगा।

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