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मध्यप्रदेश हनी ट्रैप कांड: तो इस तरह रात को फोन पर होती थी, नेताओं, आईएएस, आईपीएस, व्यापारियों से गन्दी बात, और वीडियो चैटिंग
मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप कांड की गूंज दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में भी सुनाई दे रही है। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों इसे लेकर सतर्क हैं और अपने नेताओं से इस बारे में सवाल-जवाब कर रहे हैं। साथ ही पार्टी नेताओं से इस बारे में बयानबाजी से बचने को कहा है। नौकरशाही से लेकर राजनीतिक गलियारों तक फैले इस कांड की तह तक पहुंचने के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल गठित कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला उस समय सामने आया है जबकि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अंदरखाने ही कई विरोधी सुर उठ रहे हैं और भाजपा वहां कांग्रेस सरकार गिरने की अटकलें लगा रही है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व ने इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है, लेकिन वह सतर्क है। उसने अपने नेताओं को बेवजह बयानबाजी करने से मना किया है। कांग्रेस में इसे लेकर ज्यादा चर्चा है। चूंकि राज्य में पार्टी की सरकार है इसलिए उसके विभिन्न खेमे भी दिल्ली में सक्रिय हैं। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व इसके पीछे का असली सच जानना चाहता है। उसने भी नेताओं को संयम बरतने को कहा है।
छोटे शहरों के बड़े लोग भी शिकार
मध्य प्रदेश के हनी ट्रैप मामले की आरोपी महिलाओं का जाल सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। ये महिलाएं छोटे शहरों में रहने वाले अमीरों को भी शिकार बनाती रही हैं। ऐसा एक मामला कटनी जिले में सामने आया है, जहां एक महिला ने एक कारोबारी को अपना पति बताकर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। इंदौर पुलिस द्वारा पकड़ी गई पांच महिलाओं और एक पुरुष में से एक महिला का ताल्लुक छतरपुर से है। महिला ने कटनी जिले के कारोबारी के खिलाफ छतरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि वह उसका पति है और उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करता है। जबकि उनमें कोई संबंध ही नहीं था। सूत्रों के अनुसार, पुलिस जांच में बाद में पुष्टि हुई कि कटनी के कारोबारी और महिला में कोई संबंध नहीं है। इन महिलाओं के इटारसी, सागर, दमोह सहित अन्य छोटे शहरों में भी लोगों को अपना शिकार बनाने की चर्चा है। किसी भी शिकायतकर्ता के सामने ना आने के चलते पुलिस आगे कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार सहयोग करेगी : गृहमंत्री
मध्यप्रदेश हनी ट्रैप मामले के तार छत्तीसगढ़ से जुड़ने को लेकर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस अगर जांच के लिए छत्तीसगढ़ आएगी तो प्रदेश शासन जांच में पूरा सहयोग करेगा। इस मामले के तार अगर छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं, तो कार्रवाई निश्चित तौर पर होगी।
जांच के नतीजे बड़े हो सकते हैं: एसआईटी प्रमुख
मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआटी) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की पड़ताल के नतीजे बड़े हो सकते हैं। एसआईटी प्रमुख संजीव शमी ने यहां इस दल की चार घंटे चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, यह एक बेहद गंभीर मामला है और जांच के परिणाम बड़े हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में बड़ी हस्तियों से शारीरिक संबंध बनाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की SIT ने जांच शुरू कर दी है। बुधवार को SIT प्रमुख और एडीजी (काउंटर इंटेलीजेंस) संजीव शमी इंदौर पहुंचे और छात्रा मोनिका से करीब चार घंटे पूछताछ की।
उसने बताया कि छोटी-बड़ी मैडम यानी आरती और श्वेता विजय जैन के कई अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं। वे देर रात तक वाट्सएप कॉलिंग करती थीं। पुलिस छात्रा को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है। जान को खतरा देखते हुए उसकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार दोपहर जैसे ही संजीव शमी को SIT प्रमुख नियुक्त किया, उन्होंने आरोपित श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर, आरती दयाल, अभिषेक और ओमप्रकाश के विरुद्ध दर्ज मानव तस्करी केस की जानकारी मंगवा ली।
केस डायरी का परीक्षण
बुधवार दोपहर पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया और एसआइ बलराम सिंह रघुवंशी ने इस मामले में पीडि़त छात्रा मोनिका को पलासिया थाने बुलाया और पूछताछ की प्रक्रिया के बारे में समझाया। कुछ देर बाद टीम मोनिका को SIT प्रमुख के पास लेकर पहुंची। उन्होंने केस डायरी का परीक्षण किया और पूछताछ की।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान मोनिका ने आरती और श्वेता के बारे में खुलकर जानकारियां दीं और कहा कि दोनों के कई नेताओं और अधिकारियों से संबंध हैं। कई लोगों को तो वह खुद के फोटो और वीडियो भी भेजती हैं। लोग पोस्टिंग, ठेकों के लिए उनसे संपर्क करते थे। कॉल रिकॉर्डिग और कॉल डिटेल के डर से वह देर रात वाट्सएप कॉलिंग करती थीं। मोनिका ने ऐसे होटल और रेस्तरां के नाम भी बताए, जहां आरती और श्वेता अक्सर मीटिंग के लिए जाया करती थीं।
गौरतलब है कि मामले में आरोपित रही सबसे कम उम्र की छात्रा मोनिका के पिता ने अन्य आरोपितों के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को बहलाफुसलाकर इस दलदल में इस्तेमाल किया गया है।
मोनिका को सरकारी गवाह बनाएगी SIT
जांच में शामिल अधिकारियों के मुताबिक अभी आरोपितों के विरुद्ध मानव तस्करी का केस दर्ज है। मोनिका के बयानों से स्पष्ट हुआ कि आरती ने उसे ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किया था। SIT उसे सरकारी गवाह बनाएगी। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर दर्ज केस में उसका नाम निकाला जाएगा। गौरतलब है कि हरभजन सिंह की शिकायत पर ही इस गिरोह का राजफाश हुआ था।
बड़े अधिकारी 'कॉम्प्रोमाइज' कर रहे, मतलब मामला गंभीर है
SIT प्रमुख संजीव शमी ने बताया कि इस केस की गंभीरता बहुत ज्यादा है, इसलिए एसआइटी गठित की गई है। उच्च अधिकारी 'कॉम्प्रोमाइज' कर रहे हैं, मतलब मामला गंभीर है। इसी के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों को एसआइटी में जगह दी गई है। जिन लोगों की संलिप्तता पाई जाएगी, उसका नाम सामने आएगा।
आम नागरिकों से मांगी मदद, ई-मेल से भेजे सूचनाएं
एसआइटी ने लोगों से अपील की है कि अगर उनके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे ई-मेल से भेज सकते हैं। एसआइटी प्रमुख संजीव शमी ने सूचना देने वाले व्यक्ति की जानकारी को गोपनीय रखे जाने का भरोसा दिलाया है।
हरभजन के खिलाफ न जांच होगीऔर न ही कार्रवाई
हनीट्रैप में फंसे नगर निगम के निलंबित सिटी इंजीनियर हरभजनसिंह को लेकर निगमायुक्त आशीष सिंह ने बड़ा बयान दिया है। मेयर मालिनी गौड़ ने हरभजन द्वारा जारी किए गए टेंडरों और बिल भुगतान की जांच की बात की थी। इसके विपरीत निगमायुक्त ने कहा कि हमने हरभजन को सस्पेंड कर दिया है। अब जो कार्रवाई करना है, वह सरकार को करना है। हम न जांच करेंगे और न कोई और कार्रवाई प्रस्तावित करेंगे। हरभजन ने जो किया, वह उसका व्यक्तिगत मामला था।
ई-मेल पर भेज सकते हैं वीडियो, ऑडियो, फोटो और जानकारी :एटीएस चीफ शमी ने एक ई-मेल आईडी info.sit@mppolice.gov.in जारी की है। इसमें कोई भी आम आदमी या इस केस से जुड़ा व्यक्ति, पीड़ित, गवाह भी अपनी जानकारी, वीडियो, ऑडियो, फोटो व अन्य चीजें भेज सकता है। उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।