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मध्यप्रदेश में हनी ट्रैप के लपेटे में कई BJP नेता, हाईकमान ने मांगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित 'हनी ट्रैप' मामले ने सूबे की सियासत को हिलाकर रख दिया है. इस मामले में बीजेपी और आरएसएस से जुड़े कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हनी ट्रैप मामले में अपने नेताओं की कथित संलिप्तता पर मध्य प्रदेश पार्टी इकाई से रिपोर्ट मांगी है.
बीजेपी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस मामले को संजीदगी से लेते हुए अपने नेताओं की संलिप्तता पर प्रदेश यूनिट से रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने मीडिया में आई रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है, जिसमें बीजेपी और आरएसएस नेताओं को हनी ट्रैप के जरिए ब्लैक मेल करने का मामला सामने आया है. इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने 18 सितंबर को हनी ट्रैप मामले में शामिल लोगों की गिरफ्तार किया है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़, छतरपुर और भोपाल की पांच महिलाओं ने मिलकर हनी ट्रैप का संगठित रैकेट तैयार किया था. इस रैकेट के जरिए वो राजनेताओं और सीनियर अफसरों को हनी ट्रैप में फंसाने का काम करती थीं. आरोपियों ने कई राजनेताओं और अफसरों की सीडी बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और करोड़ों रुपए ऐंठ लिए.
एमपी पुलिस के एटीएस और इंदौर सिटी क्राइम ब्रांच ने 18 और 19 सितंबर की रात को एक संयुक्त ऑपरेशन के जरिए हनी ट्रैप में शामिल पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से कई वीडियो बरामद हुए हैं, जिनमें कई घंटों की वीडियो रिकॉर्ड हैं. साथ ही उनके पास से 14 लाख नकद और स्पाई कैमरे भी मिले हैं.
सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी दोनों एक-दूसरे पर हनी ट्रैप गैंग द्वारा उनके नेताओं की रिकर्डिंग के आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने इंदौर में दर्ज किए गए हनी ट्रैप (मोहपाश) मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन 23 सितंबर को कर दिया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हनी ट्रैप में शामिल पांच महिलाओं से जो वीडियो राज्य पुलिस ने हासिल किए हैं, उसमें बीजेपी और आरएसएस नेताओं के कथित वीडियो हैं. यही वजह है कि बीजेपी नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लिया है.
एसआईटी को अब यह पता लगाने का काम सौंपा गया है कि हनी ट्रैप के जरिए कितने नेता ब्लैकमेल किए गए हैं. इस मामले में लड़कियां शामिल हैं और कितना नकद भुगतान नेताओं के द्वारा किया गया है. यह गिरोह नेताओं के वीडियो बनाकर उनसे करोड़ रुपए की मांग करते थे. ऐसे में कई लोगों को ब्लैकमेल किया गया और कई गिरोह ने काफी पैसे वसूल किए हैं. इस जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि एसआईटी यह भी पता करेगी कि पैसे का भुगतान कैसे किए गया. नकद में किया गया है तो पैसे के स्रोत पर जांच की जाएगी.
एसआईटी सबसे पहले बीजेपी के पूर्व सांसद के मामले में जांच कर रही है, जिनसे हनी ट्रैप गिरोह ने कथित रूप से ब्लैकमेल के जरिए एक करोड़ रुपये लिए हैं. एसआईटी जल्द ही पूर्व बीजेपी सांसद से पूछताछ कर सकती है. जांच में जुटे एक सूत्र ने बताया कि हनी ट्रैप गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में पुलिस ने पाया कि भोपाल के एक पत्रकार के माध्यम से पैसे का भुगतान किया गया था.