मध्यप्रदेश

MP में बिजली बिल ने ली किसान की जान: फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- शरीर सरकार को दे दो, कर्ज चुक जाएगा

Arun Mishra
31 Dec 2020 11:22 PM IST
MP में बिजली बिल ने ली किसान की जान: फांसी लगाई, सुसाइड नोट में लिखा- शरीर सरकार को दे दो, कर्ज चुक जाएगा
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सान ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरा शरीर सरकार को सौंप देना, जो अंग-अंग बेचकर 88 हजार चुका दे।

मध्य प्रदेश के छतरपुर में 35 साल के किसान ने गुरुवार को फांसी लगा ली। वो आटा चक्की चलाता था और बिजली का 88 हजार का बिल नहीं चुका पा रहा था। कुछ दिन पहले ही विभाग ने उसकी चक्की, मोटर और बाइक जब्त कर ली थी। खुद को अपमानित महसूस कर रहे किसान ने खुदकुशी कर ली। एक सुसाइड नोट मिला है, इसमें उसने लिखा कि मेरा शरीर सरकार को सौंप देना, जो अंग-अंग बेचकर 88 हजार चुका दे।

ये घटना जिले के मातगुवां कस्बे की है। चक्की चलाने वाले मुनेंद्र राजपूत का शव खेत में आम के पेड़ से लटका मिला। उसके घर सोमवार को बिजली विभाग के कर्मचारी बिल की वसूली करने पहुंचे थे। कर्ज नहीं चुकाने पर कुर्की की कार्रवाई कर दी। विभाग का कहना है कि मुनेंद्र पर 2018 से बिजली का बिल बकाया था। कई बार नोटिस के बावजूद वो बिल नहीं चुका रहा था।

3 पेज का सुसाइड नोट, लिखा- लॉकडाउन में काम ठप हुआ, 3 भैंसें चोरी हो गईं

मौके पर पुलिस को 3 पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मुनेंद्र ने लिखा, 'लॉकडाउन में काम ठप होने, एक भैंस की करंट से मौत, तीन भैंस चोरी होने और खेती से भी आमदनी नहीं होने के कारण बिल नहीं चुका पाया। शरीर के अंग बेचकर कर्ज चुका देना। सभी को नमस्कार।'

15 हजार जमा कर रहा था, पर महकमा माना ही नहीं

मुनेंद्र के भाई लोकेन्द्र ने बताया कि भाई ने बिजली विभाग की टीम से कहा था कि सामान जब्त ना करें। अभी 10-15 हजार रुपए जमा कर देता हूं, बाकी फसल आने पर जमा कर दूंगा, लेकिन टीम ने एक नहीं सुनी। सामान जब्त कर मुनेंद्र के जबरन दस्तखत करवा लिए। इससे वह सदमे में आ गया। मुनेंद्र के परिवार में पत्नी, 3 बेटियां और एक बेटा है।

विभाग की दलील- वो किसान नहीं था, चक्की चलाता था

महकमे के अधिकारियों का कहना है कि मुनेंद्र को बिल चुकाने के कई मौके दिए गए। बिजली कंपनी के छतरपुर संभाग के कार्यपालन अभियंता आरके पाठक ने कहा कि मुनेंद्र किसान नहीं था, उसका चक्की उद्योग था। कमर्शियल कनेक्शन लिया था। दो-तीन नोटिस के बावजूद बिल नहीं चुकाया। फिर आरआरसी जारी की गई। इसके बाद भी कई मौके उसे दिए गए। 8 दिसंबर को दोबारा आरआरसी जारी की गई, लेकिन फिर भी बिल जमा नहीं किया। तब पुलिस के साथ कुर्की की कार्रवाई की गई।

एसपी सचिन शर्मा और डीआईजी विवेकराज सिंह भी इस घटना की सूचना पर मौके पर गए। एसपी का कहना है कि बिजली कंपनी के बकाया और सुसाइड नोट की जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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