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कमलनाथ की बढ़ी एक और मुश्किल, कल से किसान करेंगे आंदोलन
भोपाल। 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए कि प्रंचड जीत से विपक्षी नेताओं की जड़े हिल गयी है। एक तरफ तो यूपीए विपक्ष का तगमा भी हासिल नही कर पाई तो मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस कि सरकार रहने के बावजूद लोकसभा में केवल एक हि सीट बचे में कामयाब रही। विधानसभा चुनाव में जिस मुद्दे को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस कि सरकार बनी । उसी मुद्दे को लेकर कर एक बार फिर जनता कमलनाथ सरकार के खिलाफ हो गई है।
आप को बता दे कि मध्यप्रदेश में जो सरकार बनी वो किसानों के कर्ज मॉफी को लेकर सत्ता में आरुढ़ हुई। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि यदि मेरी सरकार बनेंगी तो किसानों का जो कर्ज है वो दस दिनों में मॉफ हो जायेगा। लेकिन सराकर बनने के बाद कुछ हि लोगों का कर्ज मॉफ हुआ। और खाना पूर्ति कर फाइलों में उसको समेट दिया गया।
लेकिन एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार के विरूद्ध आंदोलन करने जा रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन कल यानि 29 मई से शुरू हो रहा है। जो कि 31 मई तक पूरे प्रदेश मे चलने वाला है। किसान आंदोलन के कारण इस बार भी सब्जी और दूध की दिक्कतों का लोगों को सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि किसान फल, सब्जी और दूध को लेकर मंडी नहीं जाएंगे। वही पुलिस प्रशासन और सरकार सकते में आ गई है।
हालांकि भारतीय किसान संघ ने कर्जमाफी, फसल का समर्थन मूल्य, फसलों के उचित दाम और स्वामीनाथन आयोग जैसी एक दर्जन मांगों को लेकर तीन दिवसीय प्रदेशाव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। आंदोलन के दौरान किसानों ने दूध, फल और सब्जी की सप्लाई ना करने का ऐलान किया है। जिसकी वजह से आम लोगो को खासी परेशानी हो सकती है।