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प्राइमरी स्कूल बना रसोईघर, भागवत कथा के लिए रोक दी गईं क्लास
सरकारी स्कूलों (Government Schools) में शिक्षा की गुणवत्ता (Quality of Education) को लेकर सरकारों की ओर से तमाम दावे किए जाते हैं पर अक्सर इन दावों के पीछे एक स्याह सच्चाई भी छिपी होती है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है।
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले (Shivpuri District) में भागवत कथा के लिए प्राइमरी स्कूल के रसोई घर व आंगनबाड़ी केंद्र को एक अस्थाई वातानुकूलित विश्राम कक्ष (AC Rest House) में बदल दिया गया। स्कूल के बच्चों और उनके अभिभावकों के अनुसार इस दौरान छात्रों की कक्षाएं भी एक हफ्ते तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ इस खबर का खंडन कर रहे हैं।
एनडीटीवी (NDTV) की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ (Suresh Dhakad) के सहयोग से एक मंदिर के रेनोवेशन के लिए भागवत कथा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। गांव के ही एक प्राथमिक विद्यालय में लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। छात्रों का आरोप है कि इस धार्मिक आयोजन के लिए उनकी कक्षाएं एक हफ्ते तक रोक दी गयी थीं। उस दौरान स्कूल परिसर का उपयोग भक्तों के लिए भोजन और प्रसाद बनाने के लिए किया जा रहा था। कुछ कक्षाओं का उपयोग खाना पकाने के लिए और मिनरल वाटर की बोतलों को रखने के लिए किया गया था। जबकि अन्य कक्षाओं का उपयोग भोजन तैयार करने में लगी महिलाओं के विश्राम स्थल के रूप में किया गया था।
लोगों के अनुसार एक आंगनवाड़ी केंद्र को भी एक धार्मिक नेता के लिए एक अस्थायी विश्राम गृह में बदल दिया गया था और भागवत कथा सुनाने वाले पंडित के लिए एक वातानुकूलित कक्ष तैयार किया गया था। रिपोर्ट में यह भी बताया है कि केंद्रीय नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Schindhiya) और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) भी इस आयोजन में शामिल हुए थे। वहीं राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ ने ऐसी किसी घटना से साफ-साफ इनकार कर दिया है।