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रिटायर्ड IAS अधिकारी का छलका दर्द, कहा- झूठे केस में फंसाया, कलेक्टर नहीं बनने दिया
मध्य प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रमेश थेटे (Retired IAS officer Ramesh Thete) ने मीडिया को चिट्ठी लिखकर अपने साथ शासन में रहते हुए अन्याय की जानकारी दी है. रमेश थेटे ने लिखा कि डायरेक्ट आईएएस होने के बाद भी उन्हें कलेक्टर नहीं बनने दिया गया.
उन्होंने लिखा कि 'मैंने आंबेडकरवादी होने की कीमत चुकाई. रिटायर होना मेरे लिए गुलामी से मुक्ति जैसा है. मैंने दलित कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई तो झूठे प्रकरण में फंसा कर जेल भिजवा दिया गया. साथ ही नौकरी से बर्खास्त करवा दिया गया.'
'मुझ पर लगाए गए 25 झूठे केस'
थेटे ने लिखा, "मुझ पर 25 झूठे केस ठोके गए. कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद मेरी पत्नी पर केस ठोक दिया गया और मुझे सहआरोपी बना दिया गया."
उन्होंने लिखा कि मेरे पास इस बात का प्रमाण है कि जातिवादियों ने मुझे संगठित गिरोह बनाकर घेरा और घेरकर मेरा शिकार किया. अब मेरे हाथ में कलम है और छोटा-मोटा होना हुनर है.
जानकारी के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद थेटे थिएटर फिल्म निर्माण करेंगे. मालूम हो कि रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति के आदेश करने का आग्रह किया था.
MP में फैल रहा कोरोना संक्रमण
दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल में भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं. यही कारण है कि सरकार भोपाल को लेकर ज्यादा ही गंभीर हो गई है. सरकार का रवैया भी सख्त हो चला है. मास्क न लगाने वाले मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों तक पर कार्रवाई की तैयारी है.
राज्य में कोरोना संक्रमितों की स्थिति पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि मरीजों का आंकड़ा 31 हजार के करीब पहुंच गया है. मरीजों की संख्या के मामले में इंदौर पहले नंबर पर है, जहां कुल मरीज 7216 हैं, वहीं भोपाल दूसरे नंबर पर है. यहां मरीजों की संख्या 6313 है.