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पालघर मॉब लिंचिंग मामला: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के DGP को भेजा नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के डीजीपी को पालघर में भीड़ द्वारा पीट पीट कर तीन लोगों की कथित तौर पर जान लेने की घटना के सिलसिले में नोटिस भेजा है। एनएचआरसी ने नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। बता दें कि 16 अप्रैल को मुंबई के दो संतों समेत तीन लोग कार से गुजरात के सूरत जा रहे थे, तभी रास्ते में पालघर में ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह पर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पालघर मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार उच्च स्तरीय जांच का आदेश दे चुकी है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी घटना पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पहले ही लोगों से इस घटना को सांप्रदायिक न देने की अपील कर चुके हैं।
देशमुख ने ट्वीट किया, '' सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।'' देशमुख ने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं।
National Human Rights Commission has issued a notice to DGP Maharashtra over Palghar lynching case. NHRC has asked for a detailed report within 4 weeks incl action taken against culprits&relief granted to next of kin of deceased persons.
— ANI (@ANI) April 21, 2020
देशमुख ने कहा, '' पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।'' उल्लेखनीय है कि यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार की रात तीन व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे।इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी।भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।
मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो संदेश जारी किया था। मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि तीन लोगों की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ठाकरे ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सोमवार को उन्हें गृह अमित शाह का फोन आया था और उन्होंने खुद मामले में किसी तरह के सांप्रदायिक पहलू के नहीं होने की बात कही थी।
ठाकरे ने कहा था, "मैंने उनसे उन लोगों पर कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया जो पालघर भीड़ हत्या मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है। मैंने उन्हें यह भी बताया कि मेरी सरकार निश्चित रूप से षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।" ठाकरे ने कहा है कि इस जघन्य और शर्मनाक कृत्य के किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा और कानून उन्हें सख्त से सख्त सजा देगा।