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Remembering Divya Bharti: आज भी नहीं सुलझी है दिव्या भारती की मौत की गुत्थी, जानें क्या हुआ था उस रात
"रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई,तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई"
जी हां हम बात कर रहे हैं 90 की दशक की मशहूर अभिनेत्री दिव्या भारती की जो मात्र 19 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दीं, फिल्मी दुनिया का एक ऐसा उभरता हुआ सितारा जो इस संसार को छोड़कर सितारों के पास चला गई।
*5 अप्रैल 1993 को दिव्या हैदराबाद से मुंबई आती हैं*
बात 5 अप्रैल 1993 की है जब हैदराबाद से शूटिंग पूरा करके दिन में करीब 5 बजे के आसपास दिव्या मुंबई अपने पिताजी के घर पहुंचीं. दिव्या को देख पिताजी ने बोला की तुझे मद्रास जाना है शूटिंग के लिए तो वो बोलीं की नहीं पिताजी मैं नहीं जाऊंगी मुझे पैर में चोट लगी है तब पिताजी ने बोला ये गलत है आज तेरी शूटिंग है फिर दिव्या ने कहा आज मुझे फ्लैट देखने जाना है, दिव्या फ्लैट खरीदकर अपने माता पिता को गिफ्ट देना चाहती थीं वो अपने पिताजी के लिए मर्सिडीज भी खरीदना चाहती थीं और उन्हें वर्ल्डटूर पर भेजना चाहती थीं। पिताजी की खुदकिस्मती थी कि उन्हें दिव्या जैसी बेटी मिली थी।
*दिव्या अपने पिता के साथ फ्लैट देखने जाती हैं*
दोनों बाप-बेटी घर से निकलकर सोनू मुखर्जी के घर गए, 4 कमरों के फ्लैट को देखकर पिता बोले बेटी इतने पैसे नहीं हैं की हम फ्लैट ले पाएं तब दिव्या बोली आप पसंद करो हम ले लेंगे। फिर दोनों पाली हिल्स स्थित रुखसाना फ्लैट में गए जहां दिव्या के बचपन के दिन गुजरे थे। रात के करीब 8 बजे होंगे तभी नीता लुल्ला का फोन आता है वे अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या के घर पर मौजूद थीं। नीता, दिव्या की फैशन डिजाइनर थीं और उन दिनों आंदोलन फिल्म के लिए दिव्या का ड्रेस तैयार कर रही थीं। पिता के साथ दिव्या अपने वर्सोवा स्थित फ्लैट पर आ गई, और नीता लुल्ला के साथ अपने किचन की खिड़की जिसमें ग्रिल नहीं लगी थी पर बैठकर बातचीत में मशगूल हो गई। उस समय घर में 4 लोग मौजूद थे दिव्या , नीता लुल्ला, नीता लुल्ला के पति श्याम लुल्ला और दिव्या की मेड अमरूता जिसने उसे बचपन से पाला था।
*अपने घर की खिड़की से गिरकर दिव्या की हो गई मौत*
नीता और श्याम टीवी देख रहे थे ,अमरूता बाहर थी। तभी अचानक दिव्या का बैलेंस बिगड़ा और वो खिड़की से नीचे गिर गई। लोग घबड़ा गए की ये क्या हो गया, जल्दी से नीचे दौड़कर आए तो देखा कि दिव्या खून से लथपथ पड़ी थी और उनकी सांसे चल रही थीं। जल्दी से उन्हें गाड़ी में लिटाकर कॉपर हॉस्पिटल लाया गया, लेकिन थोड़ी ही देर में उनकी सांसे थम गईं और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। पिता के पास फोन जाता है, दिव्या इस डेथ, पिता दौड़ते हुए आते हैं और अपनी बेटी की डेडबॉडी से लिपटकर दहाड़े मारकर रोने लगते है। पिता की बदकिस्मती देखिए की जिस शूटिंग के लिए उन्होंने दिव्या से जाने के लिए कहा था उस शूटिंग को दिव्या ने अगले दिन के लिए टाल दी थी, काश दिव्या शूटिंग पर चली गई होती तो आज वो हमारे बीच में होती।