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महाराष्ट्र में बारिश से बढ़ी आफत: रायगढ़ में चट्टान खिसकने से 36 लोगों की मौत, आंबेघर में 12 लोगों की मौत
महाराष्ट्र के रायगढञ के पास एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई है. रायगढ़ के महाड स्थित तलीये गांव में चट्टान खिसकने से 36 लोगों की मौत हो गई है. जिलाधिकारी निधि चौधरी ने 32 मौतों की पुष्टि की है. 35 घरों पर पहाड़ से चट्टान टूट कर गिरी है. यानी एक तरह से पूरा गांव तबाह हो गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इन 35 घरों में हर घर में 3 से 4 सदस्य भी हुए तो कम से कम मलबे के नीचे करीब 80 से 90 लोगों के दबे होने की आशंका है. अत्यधिक बारिश होने की वजह से ज्यादातर लोग अपने-अपने घरों में थे. घटना स्थल पर पहुंचे विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर और गिरिश महाजन के मुताबिक मलबे के नीचे 40 से 45और शवों के होने की आशंका है. इस घटना को 2005 में हुई मालीन में हुई दुर्घटना से भी अधिक भयानक बताया जा रहा है.
इसी बीच एक अन्य ऐसी ही दुखद और बड़ी दुर्घटना सातारा के अंबेघर में हुई है. यहां भी चट्टान खिसकने से 12 लोगों की मोत हो गई है. मूसलाधार बरसात की वजह से पाटन के पास स्थित अंबेघर गांव में यह बड़ी दुर्घटना हुई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, कल 4.30 बजे शाम को यह दुर्घटना हुई. लेकिन प्रवीण दरेकर के मुताबिक अभी तक बचाव कार्य के लिए प्रशासन से न तो फायर ब्रिगेड की टीम आई है और न ही राहत कार्य से जुड़ी कोई अन्य टीम आई है. स्थानीय लोगों ने ही अब तक 36 शवों को मलबों से निकाला है.
वहीं, जिलाधिकारी निधि चौधरी ने बताया कि प्रशासन को सूचना 5.30 बजे मिली. कल ही एनडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई थी. लेकिन रात को हेलिकॉप्टर उड़ नहीं पा रहा था. करीब पौने दो बजे दोपहर Tv9 से बातचीत में बताया कि अत्यधिक बारिश की वजह से रास्ते खराब हो चुके हैं. रास्तों पर कीचड़ और मलबे होने की वजह से रेस्क्यू टीम को पहुंचने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. थोड़ी ही देर में रेस्क्यू टीम पहुंचने वाली है. बता दें कि स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है कि आज आधा दिन निकल चुका है, अब तक राहत और बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है. स्थानीय लोग मलबे हटा रहे हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसे अनपेक्षित संकट बताया
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौसम विभाग ने अत्यधिक बरसात का अनुमान जताया था. लेकिन अब अति वृष्टि की व्याख्या बदलनी होगी. जिस तरह से चट्टान खिसकने की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी घटनाएं अति वृष्टि की व्याख्या के अंतर्गत नहीं यह अति से भी ज्यादा वृष्टि के अंतर्गत आती हैं. यह सिर्फ अत्यधिक बरसात नहीं बल्कि अनपेक्षित संकट है. कम से कम समय में अधिक से अधिक बरसात हो रही है. अत्यधिक बरसात की वजह से राहत कार्य को पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. कल मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से बात हुई उन्होंने हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है. आर्मी( Indian Army), नेवी (Indian Navy), वायुसेना (Indian Airforce), कोस्ट गार्ड (Coast Guard)और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम मदद कर रही है.
इस बीच रायगढ़ जिले की संरक्षक मंत्री अदिति तटकरे घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. सांसद सुनील तटकरे घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं. अदिति तटकरे ने हमारे सहयोगी न्यूज चैनल Tv9 मराठी से फोन पर बातचीत में के मुताबिक एनडीआरएफ के 12 सदस्यों की टीम पहुंच चुकी है, 12 एंबुलेंस मेडिकल सहायता के साथ पहुंच चुके हैं (2.15pm).
सातारा में भी आंबेघर में चट्टान खिसकने से 12 लोगों की मौत
इसी बीच एक अन्य ऐसी ही दुखद और बड़ी दुर्घटना सातारा के अंबेघर में हुई है. यहां भी चट्टान खिसकने से 12 लोगों की मोत हो गई है. मूसलाधार बरसात की वजह से पाटन के पास स्थित अंबेघर गांव में यह बड़ी दुर्घटना हुई है. गृहराज्य मंत्री शंभुराज देसाई के मुताबिक पिछले 40 सालों में इतनी ज्यादा बरसात नहीं हुई.
रत्नागिरी के चिपलून में भी चट्टान खिसकने से 17 लोग फंसे
इस बीच रत्नागिरी के चिपलून में पोसरे-बौद्धवाडी गांव में भी चट्टान खिसकने से 17 लोग मलबे में दबे हुए हैं. हेलिकॉप्टर की मदद से बचाव कार्य शुरू है. इसी तरह खेड तालुका (प्रखंड) में भी धामणंद गांव में चट्टान खिसकने से 17 घर दबे हुए हैं.