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महाराष्ट्र में आज दूसरी बार कांपी धरती, मुंबई के बाद नासिक में महसूस किए गए भूकंप के झटके
महाराष्ट्र में भूकंप का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार सुबह 7 बजकर 6 मिनट पर नासिक में 3.6 तीव्रता के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इससे पहले आज ही मुंबई से 98 किमी नॉर्थ में भूकंप के झटके महसूस किए गए है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 रही. भूकंप के झटके सुबह 3 बजकर 57 मिनट पर महसूस किए गए हैं. फिलहाल इस भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.
नासिक में इससे पहले मंगलवार को दो बार भूकंप के झटके लगे थे. मंगलवार को सुबह 9.50 मिनट पर नासिक में भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.8 बताई गई. इसके बाद 10.15 मिनट पर नासिक में ही दोबारा भूकंप आया. इसकी तीव्रता 2.5 थी.
क्यों आता है भूकंप?
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब दबाव ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
भूकंप के समय इन बातों का रखें ध्यान
भूकंप के बाद के झटकों से सावधान और सचेत रहें.
खिड़कयों, ऊंची इमारतों और दूसरे ढांचों से दूरी बनाए रखें.
अपनी जगह छोड़ने से पहले खुद को और परिवार वालों को देख लें कि कहीं चोट तो नहीं आई है. अगर किसी को सिर या गर्दन पर चोट आई हो, तो जगह छोड़ने से पहले पूरी सावधानी बरतें. अगर कोई शंका हो, तो अपनी जगह पर बने रहें.
अगर आप किसी बहुमंजिला इमारत में हैं, तो उतरने के लिए हमेशा सीढ़ियों का इस्तेमाल करें.
अगर आप कहीं फंसे हैं या सुनसान जगह पर हैं, तो अपनी ऊर्जा बचाएं रखें. मोबाइल और बैटरी से चलने वाले दूसरे उपकरण का कम से कम इस्तेमाल करें.
अगर आप फंसे हैं, तो खुद आवाज लगाने की जगह आसपास की चीजों से आवाज करने का प्रयास करें.
ऊंची इमारत में हैं तो, बाहरी दीवार से तुरंत दूर हट जाएं और अपना सिर बचाएं. अगर आपके पास हेल्मेट हो तो उसे पहन लें. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और खिड़कयों से दूर रहें.
ड्राइविंग कर रहे हैं, तो गाड़ी को सड़क के किनारे रोक कर इंजन को बंद कर दें. फ्लाई ओवर, पॉवर लाइन और विज्ञापन बोर्ड से दूर रहें. कार से बाहर निकलकर उसके साइड में नीचे लेट जाएं. किसी भी स्थित में कार के अंदर न रहें.