महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, जाति के नाम पर नहीं होंगे रिहायशी इलाकों के नाम

Arun Mishra
2 Dec 2020 9:40 PM IST
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, जाति के नाम पर नहीं होंगे रिहायशी इलाकों के नाम
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महाराष्ट्र सरकार का मकसद है कि जाति के नाम पर समाज मे फैली विभाजन की खाई को खत्म करना है.

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्यभर में जाति के नाम पर रखे गए रिहायशी इलाकों को बदलने का फरमान जारी किया है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का मतलब है कि किसी भी रिहायशी इलाके का नाम किसी जाति विशेष के नाम पर नहीं बल्कि गांव या इलाके के महापुरुषों के नाम पर रखा जाएगा.

महाराष्ट्र सरकार का मकसद है कि जाति के नाम पर समाज मे फैली विभाजन की खाई को खत्म करना है.एकमत से पारित हुए कैबिनेट द्वारा इस फैसले को मंजूर करने के पीछे महाराष्ट्र सरकार की मंशा है कि किसी इलाके को लोग किसी एक जाति विशेष या समाज विशेष के तौर पर ना पहचाने.कोई भी व्यक्ति किसी भी इलाके में जाने से पहले नाम सुनकर यह पूर्वाग्रह ना रखें कि उस इलाके में एक विशेष समाज या जाति लोग रहते हैं ।

ठाकरे सरकार के इस फैसले के मुताबिक अगर किसी इलाके का नाम किसी व्यक्ति के सरनेम या जाति के आधार पर है तो उस नाम को बदल दिया जाएगा. नाम बदलकर किसी महापुरुष के नाम पर होगा. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेताओं के मुताबिक यह बदलाव महाराष्ट्र महाराष्ट्र विकास अघाडी के मार्गदर्शक नेता और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के सुझाव पर किया गया है. शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे को यह सुझाव दिया था.

इस सुझाव के पीछे संकल्पना यह थी कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कई जगहों के नाम किसी जाति या उपनाम पर आधारित है जिसकी वजह से कोई व्यक्ति इलाके में पूर्वाग्रह उस जाति या समाज के प्रति पूर्वाग्रह लेकर जाता है और इससे सामाजिक दूरी बढ़ती है.

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