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ED की सबसे बड़ी कार्रवाई, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख देर रात गिरफ्तार
100 करोड़ की वसूली मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को आखिरकार रात 1 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। वे कई दिनों तक लापता रहने के बाद सोमवार सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर अचानक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ऑफिस पहुंच गए थे। देशमुख को ED ने 5 बार पूछताछ के लिए समन किया था, लेकिन हर बार उनके वकील इंद्रपाल सिंह ही ED ऑफिस पहुंचे थे। उनकी दलील थी कि देशमुख 75 साल के हैं और महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से वे पेश नहीं हो सकते।
13 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने पाया कि देशमुख की तरफ से किसी भी सवाल पर संतोषजनक जवाब नहीं दिए गया। ऐसे में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अब कस्टडी के लिए उन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। ED के असिस्टेंट डायरेक्टर तासीन सुल्तान और उनकी टीम ने देशमुख से लगातार पूछताछ की। अब इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी संभव है। पिछले हफ्ते देशमुख की उस याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने ED के समन को रद्द करने की मांग की थी।
ED 100 करोड़ की वसूली मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है। देशमुख के साथ उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख और पत्नी को दो बार पूछताछ के लिए तलब किया गया था, लेकिन वे भी ED ऑफिस नहीं पहुंचे थे। माना जा रहा है कि देशमुख के बाद आज या कल तक उनके बेटे और पत्नी भी ED के सामने हाजिर हो सकते हैं।
पेशी के बाद देशमुख ने वीडियो मैसेज जारी किया
ED के सामने पेश होने के बाद देशमुख के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट हुआ है। इसमें देशमुख ने कहा- जब-जब ED ने समन किया, मैंने उनका सहयोग किया है। मैंने पहले ही कहा था कि मेरी याचिकाएं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इसके निपटारे के बाद मैं ED ऑफिस आऊंगा। दो बार CBI ने मेरे यहां रेड की, उसमें भी मैंने पूरा सहयोग किया।
अभी भी सुप्रीम कोर्ट में मेरा फैसला आया नहीं है, लेकिन मैं खुद ही ED दफ्तर आया हूं। मेरे ऊपर परमबीर सिंह ने गलत आरोप लगाए थे। आज वही परमबीर सिंह विदेश भाग गए हैं, ऐसी खबर मीडिया के माध्यम से आ रही हैं। उन्हीं परमबीर सिंह के खिलाफ पुलिस विभाग में कई शिकायतें दर्ज हुई हैं।
वकील ने कहा था- सनसनी फैलाने के लिए लगाए आरोप
इससे पहले वकील के जरिए भेजे एक पत्र में देशमुख ने उनके मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का हवाला दिया था। अनिल देशमुख ने ED को लिखे अपने पत्र में जांच एजेंसी की ओर से ताकत और अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अभी तक मुझे ED की तरफ से ECIR की कॉपी या अन्य दस्तावेज नहीं दिए गए हैं। जिससे साफ होता हो कि यह समन केवल मीडिया में सनसनी फैलाने के लिए भेजा गया है।
CBI भी कर रही है देशमुख की जांच
मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर और मौजूदा होम गार्ड DG परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाया है, जिसके लिए अनिल देशमुख को महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस मामले में देशमुख के खिलाफ पहले CBI ने केस दर्ज किया था और फिर उसमें मनी ट्रेल की जानकारी मिलने के बाद ED की एंट्री हुई। ED ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। CBI दो बार देशमुख के ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है।
देशमुख के PA और PS हुए हैं अरेस्ट
इस मामले में देशमुख के PA संजीव पलांडे और PS कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं। इन पर आरोप हैं कि ये इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में देशमुख की मदद की थी। इधर, देशमुख ने ED की पूछताछ से बचने के लिए एक पत्र लिखा था।
ED ने जब्त की थी देशमुख की दो प्रॉपर्टी
इसी मामले में 15 दिन पहले देशमुख और उनके परिवार की 4.2 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया गया था। इसमें नागपुर का एक फ्लैट और पनवेल की एक जमीन शामिल है। इसी मामले में देशमुख के PA संजीव पलांडे और PS कुंदन शिंदे को अरेस्ट किया था, दोनों फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की कस्टडी में हैं।
परमबीर सिंह के आरोप के बाद शुरू हुई है जांच
यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था।
एक दिन पहले देशमुख का मिडलमैन अरेस्ट हुआ
इसी से जुड़े मामले में CBI ने रविवार को पहली गिरफ्तारी की थी। सेंट्रल एजेंसी ने ठाणे से संतोष शंकर जगताप नाम को पकड़ा है। फिलहाल वह चार दिन की कस्टडी में है। जगताप को अनिल देशमुख का मिडलमैन बताया जा रहा है। CBI ने कुछ दिन पहले कुछ कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट्स लीक मामले में अनिल देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। 2 सितंबर को जांच एजेंसी ने देशमुख के वकील आनंद दागा और अपने ही सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी अरेस्ट किया था।