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टीडीपी के बाद अब शिवसेना से भी टूट जाएगा बीजेपी का रिश्ता, अमित शाह ने किया ये ऐलान!

टीडीपी के बाद अब शिवसेना से भी टूट जाएगा बीजेपी का रिश्ता, अमित शाह ने किया ये ऐलान!
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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उपजे अविश्वास के बाद अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू करेगी. पार्टी नेताओं के साथ मुंबई में बैठक में अमित शाह ने ये निर्देश भी दिया है. पिछले 4 सालों में कई बार ये सवाल उठता रहा है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि 2019 के चुनाव में बीजेपी का अपने करीब तीन दशक पुराने साथी शिवसेना से संबंध टूट जाएगा.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनावों की तैयारी में हर राज्य के दौरे पर हैं. शिवसेना केंद्र में भी साझीदार है और महाराष्ट्र में भी गठबंधन सरकार का हिस्सा है लेकिन दोनों दलों के बीच तनातनी लगातार बनी हुई है. अमित शाह ने रविवार को दोपहर से शाम तक मैराथन बैठकें की, पार्टी विस्तारकों के अलावा लोकसभा टोली के साथ बैठकें की, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इन बैठकों में साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करें.
सूत्रों के मुताबिक शाह ने बैठक में कहा, गठबंधन को लेकर जो भी परिस्थितियां बने, हमें अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी रखनी है. पार्टी गठबंधन पर आखिरी फैसला लेगी. हर बूथ पर हमें चार बाइक सवार कार्यकर्ता तैयार करने है, ऐसे 1 लाख बूथों पर चार लाख बाइक सवार कार्यकर्ता तैयार करें.
साफ है बीजेपी शिवसेना को लेकर आशंकित है, इसलिए अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी रखना चाहती है. मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तो टीडीपी लेकर आई थी, लेकिन इस प्रस्ताव ने एनडीए के बीच अविश्वास की खाई को और गहरा कर दिया. शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मोदी सरकार के साथ न खड़े होकर बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रहे खटास भरे संबंधों को और भी खट्टा कर दिया. पार्टी नेतृत्व सीधे तौर पर इस मामले से जुड़ा है, लिहाजा बाकी नेता खुलकर नहीं बोल रहे.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 लोकसभा सीटें जीती थी. विधानसभा चुनाव आते-आते बीजेपी ने मोदी लहर के दम पर सालों पुराने गठबंधन में ज़्यादा सीटों की मांग की और दोनों पार्टी 25 साल बाद अलग-अलग चुनाव लड़ी. बीजेपी को 122 विधानसभा सीटों पर जीत मिली और शिवसेना को 63 सीटों पर जीत हासिल हुई. हालांकि, बाद में शिवसेना ने बीजेपी को समर्थन का एलान कर दिया और गठबंधन सरकार में शामिल भी हुई.
तनातनी के बीच नगर निकाय के चुनाव में एक बार फिर शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़े. मुंबई महानगरपालिका में शिवसेना ने 90 और बीजेपी ने 82 सीटों पर जीत हासिल की. फिर बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन किया. सरकार बनाने के लिए दोनों दल मिलते तो रहे लेकिन दिल नही मिल पाए. शिवसेना के तेवर भी लगातार गर्म बने हुए है.
कांग्रेस ने तो सीधे शिवसेना को चुनौती दे दी कि पहले राज्य और केंद्र सरकार से बाहर आये. साफ है कि अब बीजेपी महाराष्ट्र में एकला चलो की रणनीति पर काम कर रही है, अगर शिवसेना से आखिरी वक्त पर गठबंधन टूटने की कगार पर आया तो बीजेपी झुकने की जगह चुनाव मैदान में मुकाबला करने के लिए तैयार रहेगी.
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