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प्यादों को घेरने से नहीं होगी ड्रग्स के बादशाह की मात
बॉलीवुड और मुंबई में ड्रग्स रैकेट का पर्दाफाश करने के नाम पर एनसीबी ने अपनी पूरी ताकत लगाकर सात- आठ पेडलर्स को ही पकड़ा है. ज्यादातर पेडलर्स कम उम्र के छात्र या बेरोजगार युवा हैं और इनका काम ड्रग्स खरीदने वालों तक चंद ग्राम की पुड़िया पहुंचाना ही होता है. यानी इन्हें ड्रग्स सप्लाई करने वाले बड़े ड्रग्स डीलर्स और मुंबई में ड्रग्स पहुंचाने वाले ड्रग्स स्मगलर्स का अभी कोई अता- पता एनसीबी को नहीं चल सका है.
जाहिर है, ड्रग्स लेने वाले फिल्मी सितारे या अन्य ड्रग एडिक्ट्स के साथ - साथ इन पेडलर्स का पकड़ा जाना ड्रग्स रैकेट को ध्वस्त करने की दिशा में कोई अहमियत नहीं रखता. क्योंकि जब तक डीलर्स या स्मगलर्स नहीं पकड़े जाते तब तक मुंबई और बॉलीवुड में इसी तरह ड्रग्स का कारोबार फलता- फूलता रहेगा. मीडिया में कभी कभार कुछ खबरों में यह जिक्र आ तो जाता है कि ड्रग्स कारोबार की किसी बड़ी मछली तक एनसीबी पहुंचने वाली है लेकिन ऐसा होगा, इसका कम से कम मुझे तो कतई यकीन नहीं है.
भारत में अमूमन ड्रग्स के कारोबार के तार आई एस आई के जरिए पाकिस्तान - अफगानिस्तान से जुड़े होते हैं और इसमें अकूत पैसा व राजनीतिक ताकत लगी होती है. यही अकूत पैसा ही यहां के अंडर वर्ल्ड और राजनीति की सांठगांठ को मजबूत करने में लगाया जाता है. फिर इन दोनों की सांठगांठ से यही पैसा बॉलीवुड में भी फिल्मों के निर्माण में भी किसी न किसी रूट से पहुंच ही जाता होगा. बॉलीवुड में तो पहले ही कई बड़े लोगों को माफिया से सांठगांठ या उनका पैसा यहां लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है या पूछताछ हो चुकी है.
यानी ड्रग्स कारोबार की किसी भी बड़ी मछली को पकड़ने के बाद मुंबई में स्थित बॉलीवुड, माफिया ही नहीं बल्कि वहां की राजनीति में भी कई लोग बेनकाब हो जाएंगे और बड़े पैमाने पर हलचल देखने को मिलेगी. ऐसा न हो , इसके लिए कितना पैसा बहाकर और कितनी ताकत का इस्तेमाल करके इसे रोकने के लिए देश के मीडिया, बॉलीवुड, माफिया और वहां के नेताओं का इस्तेमाल किया जाएगा, यह अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. इसकी झलक शायद तभी देखने को मिल गई, जब सुशांत की मौत का मामला वहां की सरकार ने आननफानन में डिप्रेशन से हुई आत्महत्या करार देकर दफनाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया बल्कि रिया और उसके भाई के सपोर्ट में बॉलीवुड, मीडिया, देश के सबसे महंगा वकील आदि को खड़ा कर दिया..... शायद इसीलिए ताकि ड्रग्स कारोबार के मामूली प्यादों तक भी जांच की आंच न पहुंच सके. ऐसे में ड्रग्स कारोबार के बादशाह तक पहुंचने में एनसीबी कामयाब हो पाएगी, इसके आसार लग तो नहीं रहे....