मुम्बई

Farmers Protest: बड़ी संख्या में मुंबई के आजाद मैदान में जमा हुए किसान, रैली में शामिल होंगे शरद पवार और आदित्य ठाकरे

Arun Mishra
25 Jan 2021 3:15 AM GMT
Farmers Protest: बड़ी संख्या में मुंबई के आजाद मैदान में जमा हुए किसान, रैली में शामिल होंगे शरद पवार और आदित्य ठाकरे
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महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों से करीब 50 हजार किसान इस रैली में भाग लेने पहुंचेंगे.

मुंबईः कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली के अलग अलग सीमाओं पर डंटे हुए हैं और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. दिल्ली में डंटे किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए आज मुंबई के आजाद मैदान में महाराष्ट्र के किसान प्रदर्शन करेंगे. इस रैली का आयोजन अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से किया गया है. दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों से करीब 50 हजार किसान इस रैली में भाग लेने पहुंचेंगे.

रैली में पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पहुंचेंगे और किसानों को संबोधित करेंगे. किसानों की रैली को संबोधित करने के बाद एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेगा और उन्हें ज्ञापन सौंपेगा. बताया जा रहा है कि रैली में पहुंचने वाले किसान राजभवन तक मार्च भी करेंगे.

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शरद पवार को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी के नेता किरीट सोमैया ने कहा है, ''शरद पवार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के विरोध में भाषण देनें जा रहे हैं लेकिन बारामती में बड़े विज्ञापन लगाए हुए हैं जिसका नाम है 'बारामती एग्रो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बाई रोहित पवार'.''

बता दें कि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच रूट मैप पर सहमति बन गई है. दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च पर शाम 4.30 बजे दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. किसानों ने रूट मैप दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है, लेकिन रूट को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ हो जाएगा कि दिल्ली पुलिस को किस-किस रूट पर आपत्ति है.

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान भारी संख्या में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश से दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. सिंघु बॉर्डर पर पहले से हजारों किसान ट्रैक्टरों में करीब दो महीने से रह रहे हैं और पहले भी दावा कर चुके हैं कि छह महीने की राशन व्यवस्था के साथ आए हैं.

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