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देवेंद्र फडणवीस के बयान से मचेगा हडकंप, जब चुनाव से पहले चल गया था यह पता तो क्यों लड़ा मिलकर चुनाव!
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि चुनाव से पहले ही शिवसेना पर्दे के पीछे से कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि चुनाव में शिवसेना ने अपना पूरा जोर लगा दिया ताकि बीजेपी के ऐसे नंबर आएं कि उसे शिवसेना का साथ लेना मजबूरी बन जाए। बीजेपी नेता ने कहा कि हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि शिवसेना कांग्रेस पार्टी के साथ गठजोड़ करेगी।
देवेंद्र फडणवीस ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा कि ऐसा लगता है और अब धीरे-धीरे इसका खुलासा होता जा रहा है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच पर्दे के पीछे से दोस्ती हो गई थी। चुनाव के दौरान हमें थोड़ा-थोड़ा आभास था लेकिन इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, 'अब हमें यह साफ दिखता है कि शिवसेना ने चुनाव से पहले एनसीपी-कांग्रेस के साथ पर्दे के पीछे से गठजोड़ कर लिया था।'
बीजेपी नेता ने कहा, 'शिवसेना चाहती थी कि चुनाव परिणाम के बाद वह ऐसे नंबर लाए ताकि बीजेपी के साथ वह मोलभाव कर सके। शिवसेना के लोग सीधे एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर काम कर रहे थे जबकि उनका गठबंधन हमारे साथ था। ये चीजें अब परत दर परत सामने आ रही हैं। यह उद्धव ठाकरे के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद और स्पष्ट हो गया। हमें यह कतई उम्मीद नहीं थी कि शिवसेना कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाएगी क्योंकि यह बाला साहेब के सिद्धांतों के खिलाफ था।'
'महाराष्ट्र में जनमत के साथ धोखा हुआ'
उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र चुनाव हमने शिवसेना के साथ गठबंधन करके लड़ा और जनता ने हमें बहुमत दिया। हमारे पास स्पष्ट बहुमत था। बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। यह एक स्पष्ट जनादेश था लेकिन मैं उस समय आश्चर्यचकित रह गया जब पहले दिन उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके विकल्प खुले हुए हैं और वह किसी के साथ भी जा सकते हैं।'
फडणवीस ने कहा, 'मैंने कई बार उद्धव ठाकरे से बात करने की कोशिश की। कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने उठाया नहीं। शिवसेना ने पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगे थे। यह जनमत के साथ धोखा हुआ है क्योंकि यह बहुमत बीजेपी को मिला था।' उन्होंने कहा कि एनसीपी नेता अजित पवार उनके पास आए थे और कहा था कि उनके पास मैंडेट है और एनसीपी के एमएलए उनके साथ हैं।