मुम्बई

अभी उसने अपनी आंखें ठीक से खोली नहीं थी ,पाक था किसी नाजुक फूल की तरह, पवित्र था गंगाजल की तरह, फिर इतनी दर्दनाक मौत क्यों ?

Shiv Kumar Mishra
9 Jan 2021 2:08 PM GMT
अभी उसने अपनी आंखें ठीक से खोली नहीं थी ,पाक था किसी नाजुक फूल की तरह, पवित्र था गंगाजल की तरह, फिर इतनी दर्दनाक मौत क्यों ?
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जब से तेरी मौत की

खबर आई है ,

नहीं रहा जाता,अब

तुम बिन ।

जल्दी से वापस आ जाओ

तुम्हारी माँ की धड़कन

तुम्हें बुलाती है ।।

आग जलती रही,धुआं उठता रहा मासूमों की आँखों में मौत का खौफ झलकता रहा,मासूमों के नन्हे तलवे आग से झुलसते रहे,दूर खड़े होकर डॉक्टर और नर्स यह सब देखते रहे । इतने छोटे मासूम जो अपनी तकलीफ भी बयान नहीं कर सकते, चुपचाप लेटे लेटे मौत को गले लगाते रहे,शायद उन मासूम बच्चों के मन में यह विचार जरूर आया होगा,अभी तो आई थी, इस दुनिया में अभी तो मैने दुनिया देखी नहीं, मैने नहीं देखे फूल कैसे होते हैं,जब मैं माँ के कोख में थी,माँ से सुना था धरती बहुत सुंदर होती है,यहां फूल होते हैं,पक्षी होते हैं,स्वादिष्ट व्यंजन होते हैं, पर इन सब को मैं नहीं देख पाई । मुझसे क्या गलती हो गई भगवान, मुझे इतनी जल्दी वापस क्यों बुला लिया । मुझे भी अपनी माँ की गोद में सोना था, उसके साथ मस्ती करना थी, अपने भाइयों के साथ स्कूल जाना था,मुझसे क्या गलती हो गई भगवान मुझे इतनी जल्दी वापस क्यों बुला लिया। मुझे भी पापा के स्कूटर पर बैठ कर घूमने जाना था, पापा का हाथ पकड़कर खिलौनो की ज़िद करनी थी पर ऐसा कुछ नहीं हो पाया मुझसे क्या गलती हो गई भगवान मुझे इतना जल्दी क्यों बुला लिया, सुना था तुम पापियों को सजा देते हो मैं तो एक नन्ही सी परी थी अभी तो आँखों खुली थी आँखों खुलते ही इतनी दर्द भरी मौत मुझे क्यों दी भगवान, मुझे भी अच्छे-अच्छे कपड़े पहनना थे मुझको भी माथे पर बिंदी लगाना थी। सब अरमान इस आग में झुलस गए मुझको इतनी जल्दी क्यों बुला लिया भगवान ।

महाराष्ट्र के भंडारा ज़िले के अस्पताल में आग लगने की घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई,आग लगने के पीछे की वजह शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है ।

वही घिसा पिटा बयान नेताओं का आग की घटना की जांच की जाएगी । कलेक्टर ने आग लगने की वजह से 10 बच्चों की मौत और आग के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी कमेटी का गठन करने की घोषणा की है ।

मरने वाले बच्चों के माता-पिता को पांच लाख रुपए दिए जाएंगे । फिर लगा दिया जाएगा नोटों का मरहम, उस माँ से पूछो जिसने अपना नौनिहाल खोया है,उस माँ से पूछो जिसने नौ महीने अपनी कोख में अपने नौनेहाल को पाला कितनी तकलीफ सहन की थी कितनी पीड़ा हुई होगी उसको जब उसने अपने नौनिहाल को जन्म दिया था आज उससे ज्यादा उसको पीड़ा हुई जब उसको पता चला उसका नौनिहाल अब इस दुनिया में नहीं रहा कितनी तकलीफ हुई होगी उस मां को जब उसने अपने नौनिहाल को जला हुआ देखा होगा पर यह तकलीफ हमारे देश के नेताओं को समझ में नहीं आएगी जांच करवाएंगे कुछ सालों में रिपोर्ट आएगी पता चलेगा अस्पताल की वायरिंग पुरानी हो गई थी जिसके वजह से शॉर्ट सर्किट हो गया एक फूल खिलने से पहले ही झुलस गया ।

अभी उसने अपनी आंखें ठीक से खोली नहीं थी ,पाक था किसी नाजुक फूल की तरह, पवित्र था गंगाजल की तरह ।

फिर इतनी दर्दनाक मौत क्यों भगवन ,वह था तेरे रूप की तरह।

मोहम्मद जावेद खान

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