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पुणे: दलितों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में 1 की मौत, जानें पूरा मामला
पुणे : नए साल के मौके पर महाराष्ट्र के पुणे शहर में पबल, कोरेगांव भीमा और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ जिसमें ग्रामीणों ने 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई। इस वजह से हाइवे के दोनों तरफ काफी देर के लिए यातायात बाधित रहा।
दरअसल यहां दलित संगठनों द्वारा पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना पर अंग्रेजों की जीत का शौर्य दिवस मनाया जा रहा था। सोमवार को रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ने कोरेगांव भीमा युद्ध के 200 साल पूरे होने पर विशेष कार्यक्रम आयोजित कराया था। इस दौरान कार्यक्रम में महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट, बीजेपी सांसद अमर साबले, डेप्युटी मेयर सिद्धार्थ डेंडे और अन्य नेता शामिल हुए।
इस इलाके में सोमवार सुबह से ही तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था। क्योंकि ग्रामीण इस रैली का विरोध कर रहे थे। जिसको लेकर कार्यक्रम वाली जगह पर भारी सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई थी। लेकिन बताया जा रहा कार्यक्रम वाली जगह पर जब कुछ लोग भगवा तिरंगा लेकर पहुंचे तो विवाद हो गया।
बता दें कि 1 जनवरी 1818 में कोरेगांव भीमा की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी। इसमें कुछ संख्या में दलित भी शामिल थे। अंग्रेजों ने कोरेगांव भीमा में अपनी जीत के स्मरण में जयस्तंभ का निर्माण कराया था। बाद में यह दलितों का प्रतीक बन गया। हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग हर साल यहां आकर श्रद्धांजलि देते हैं।