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अपनी कैब में बैठी एक सवारी से वह इतना ज्यादा प्रेरित हुआ कि उसने टैक्सी चलाना ही छोड़ दिया।
नई दिल्ली : कहते हैं अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो दुनिया की कोई ताकत उसको सफल होने से नहीं रोक सकती। ऐसे ही कुछ हुआ एक कैब ड्राइवर के साथ।
अपनी कैब में बैठी एक सवारी से वह इतना ज्यादा प्रेरित हुआ कि उसने टैक्सी चलाना ही छोड़ दिया। उसने इसके बाद सेना में भर्ती होने के लिए परीक्षा दी और उसमें सफल भी हुआ। अब वह खुद सेना में अफसर बनने वाला है। ये कैब ड्राइवर है पुणे का जीसी ओम पैठाने।
उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की परीक्षा पास किया और ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई ज्वाइन (ओटीए) किया जहां वो अभी ट्रेनिंग ले रहे हैं। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद उन्हें 10 मार्च 2018 को भारतीय सेना अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
शनिवार (3 मार्च) को टि्वटर पर मेजर गौरव आर्य ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, "पुणे में एक ओला ड्राइवर गरीबी से लड़ रहा था। वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए यह काम कर रहा था। एक दिन उसे एक सवारी मिली, जो कि सेना में कर्नल थे। दोनों के बीच उस दौरान बातचीत हुई। युवा ड्राइवर उनकी बातों से इतना प्रभावित हुआ कि उसने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के लिए परीक्षा दी और ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी (ओटीए) ज्वॉइन की। कैडेट ओम पैथाने 10 मार्च को भारतीय सेना के अफसर के नाते मार्च पर निकलेंगे।"
An Ola driver in Pune is fighting poverty, earning for his family. One day he gets a passenger...an army colonel. They talk. The young driver is so motivated that he appears for SSB & joins OTA. Gentlemen Cadet Om Paithane will pass out on 10 March as an officer in Indian Army. pic.twitter.com/7z4YssANNr
— Major Gaurav Arya (@majorgauravarya) March 4, 2018
ओम के पिता ड्राइवर थे, लेकिन एक दिन सड़क दुघर्टना में उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए। अब वह कुछ भी करने लायक नहीं बचे थे जिसके बाद घर का खर्च चलाने में काफी कठिनाई आने लगी। घर का खर्च चलाने के लिए ओम के पिता वॉचमैन की नौकरी करने लगे लेकिन इस नौकरी से भी घर का खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था। इन सारी परेशानियों को देखते हुए ओम ने बीएससी कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई के दौरान ओला कैब चलाना शुरू कर दिया।
ओम ने बताया कि एक रिटायर्ड कर्नल ने उनकी कैब को काम पर रखा था और एकदिन दोनों के बीच अचानक शुरू हुई बातचीत में जब ओम ने रिटायर्ड कर्नल से बात की, तो बातों ही बातों में कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा के बारे में पता चला। जिसके बाद ओम ने इस परीक्षा के बारे में सोचा।
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