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स्कूल का अजीबो-गरीब फरमान, छात्राओं को पहनने होंगे इस खास रंग के इनरवियर!

Arun Mishra
4 July 2018 9:17 PM IST
स्कूल का अजीबो-गरीब फरमान, छात्राओं को पहनने होंगे इस खास रंग के इनरवियर!
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Maeer's MIT School
जिसमें छात्राओं के इनर वियर (अंतःवस्त्र) की कलर को लेकर भी गाइड लाइन जारी की गई है। इसके अलावा स्कूल ने छात्राओं के लिए 20 से 22 जटिल नियम भी जरूरी कर दिये हैं।
नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पुणे में छात्राओं के लिए एक स्कूल ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। जिसमें छात्राओं के इनर वियर (अंतःवस्त्र) की कलर को लेकर भी गाइड लाइन जारी की गई है। इसके अलावा स्कूल ने छात्राओं के लिए 20 से 22 जटिल नियम भी जरूरी कर दिये हैं। इतना ही नहीं इसके लिए पेरेंट्स (अभिभावक) से एक एफिडेविट साइन कराया गया है और उल्लंघन पर सीधे फौजदारी तक की कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। स्कूल के इस नई गाइडलाइन से पेरेंट्स में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
यह स्कूल है पुणे का जाना माना माईर्स एमआईटी का विश्व शांति गुरुकुल के तहत आने वाले श्री सरस्वती न्यू इंग्लिश स्कूल, श्री स्वामी वेकानंद प्राथमिक शाला और एमआईटी पूर्व प्राथमिक शाला के प्रबंधन ने कैलेंडर (डायरी) के जरिए ये नियमावली जारी की है। प्रबंधन ने अपनी 20 से 22 जटिल शर्तों की पूर्तता करने को लेकर शपथ पत्र लिखकर लाने की अनिवार्यता की है। इससे आक्रोशित अभिभावकों ने प्राथमिक शिक्षा विभाग के सह निदेशक दिनकर टेमकर से मुलाकात कर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

एक अभिभावक का कहना है कि सफाई, बिजली की बचत, पानी बचाना और व्यक्तिगत स्वच्छता आदि सभी अच्छी बातें हैं। लेकिन स्कूल को इसके लिए फाइन लगाने की बजाए छात्र-छात्राओं में इसके लिए जागरूकता बढ़ानी चाहिए।
स्कूल ने दी ये सफाई -
महाराष्ट्र के एमआईटी ग्रुप की कार्यतारी निदेशक डॉ. सुचित्रा खारद नागरे का कहना है कि स्कूल की नई डायरी में कुछ भी विशेष निर्देश नहीं दिये गए हैं। हमने अपने पहले के अनुभवों पर इसे बनाने का फैसला किया है। इसके पीछे कोई भी छीपी हुई बात नहीं है।

क्या हैं जटिल नियमावली -
डायरी में लिखे गए नियमों के मुताबिक गुरुकुल के स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को व्हाइट और स्कीन रंग के इनरवियर पहनने होंगे। दूसरा कोई भी रंग स्वीकार नहीं होंगे। इसके अलावा मेडकिल स्थिति और इमरजेंसी के अलावा स्कूल के टॉयलेट्स एक निश्चित समय पर इस्तेमाल किए जाएंगे। स्कूल छात्रों से 500 रुपये का जुर्माना वसूलेगा अगर छात्र पीने का पानी और बिजली अनावश्यक रूप से इस्तेमाल करते पाए गए।



इसके अलावा 500 रुपये का जुर्माना तब भी लिया जाएगा अगर सेनेटरी पैड्स को सही तरह से उसके लिए तय डब्बे में नहीं डाले गए। इसके अलावा पेरेंट्स को सफाई के खर्चे का बोझ भी उठाना पड़ेगा जो उनके बच्चों द्वारा गिराए गए खाने के कारण गंदगी हुई होगी। उनकी स्कर्ट की लंबाई घुटनों तक ही होनी चाहिए और वह प्रबंधन द्वारा अधिकृत टेलर से ही कपड़े सिलवाने होगे। छात्राएं किसी भी तरह का मेकअप नहीं करेंगी और छात्र-छात्रा कोई टैटू नहीं बनवाएंगे। बाल एकदम छोटे रहेंगे। इसके अलावा ईयरिंग के साइज तक बताए गए जो छात्राओं के लिए अनिवार्य हैं।

अभिभावकों के लिए भी बनी नियमावली -

स्कूलों ने छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के लिए भी नियमावली बनाई है। इसमें वे आपस में बात नहीं करेंगे, स्कूल के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं करेंगे, प्रबंधन और मीडिया से संवाद नहीं करेंगे। साइकिल पार्किंग के नाम देना होगा शुल्क स्कूल प्रबंधन ने गुरुकुल में साइकिल पार्किंग के लिए भारी शुल्क निर्धारित किया है। इस सालाना शुल्क के लिए 1500 रुपए एडवांस में चुकाने होंगे। स्कूल डायरी में उल्लेखित इस नियमावली को लेकर अभिभावकों ने कड़ी नाराजगी जताई है। शुल्क वृद्धि के विरोध में भी अभिभावकों की कृति समिति और स्कूल प्रबंधन के बीच विवाद जारी है




59 अभिभावकों ने सौंपा पत्र -

महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल के तहत स्कूल बंद कर सीबीएसई बोर्ड जबरन लादने की कोशिश की जा रही है। इस बारे में भी शिक्षा आयुक्त और शिक्षा निदेशालय से अभिभावकों ने कई शिकायतें की है। उनकी कृति समिति ने शिक्षा आयुक्त को दिए शिकायत पत्र में अंतर्वस्त्र के विशिष्ट रंगों की सख्ती, पार्किंग शुल्क, विलंब पर जुर्माना आदि मुद्दों को उठाया है और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस शिकायत पत्र पर 59 अभिभावकों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

15 जून से शुरू हुआ नया सेशन -

स्कूल का नया शैक्षणिक टर्म 15 जून से शुरू हुआ था और छात्रों को 2 जुलाई को ये स्कूल डायरी दी गई। इसके बाद भारीरूप से पेरेंट्स में विरोध हुआ और इसके खिलाफ उन्होंने प्राइमरी शिक्षा के डायरेक्टर से इसकी शिकायत की और कहा कि तुरंत इन नियमों को डायरी से हटवाया जाए।

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