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नारायण राणे को आधी रात महाड कोर्ट से मिली जमानत, जानें- राणे के बयान पर कल पूरा दिन क्या-क्या हुआ
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले गिरफ्तार हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को राहत मिली है। महाड कोर्ट ने उन्हें 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। पुलिस उन्हें रिमांड के लिए महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट लाई थी, जहां राणे को मजिस्ट्रेट बाबासाहेब शेख पाटिल के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट से उनकी रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है। कोर्ट में एडवोकेट अनिकेत उज्जवल निकम और एडवोकेट भाऊ सालुंके ने उनका प्रतिनिधित्व किया।
इस दौरान बीजेपी ने राणे की गिरफ्तारी के विरोध में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बता दें कि नारायण राणे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप है और उसी के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें पहले हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया। नारायण राणे महाराष्ट्र में जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं और इसी यात्रा के दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी की थी। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए नारायण राणे ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
याचिका में राणे के खिलाफ पुणे, नासिक और रायगढ़ के महाड में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती दी गई थी। हालांकि, कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने कहा कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा। अदालत ने कहा, ''रजिस्ट्री विभाग के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए एक अर्जी दाखिल करें और फिर हम विचार करेंगे।''
वहीं, बीजेपी अपने नेता के पक्ष में खुलकर आ गई है। राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया कि महाराष्ट्र की सरकार में 27 ऐसे मंत्री हैं जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं, लेकिन वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि एक वक्तव्य देने के लिए एक केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार कर लिया जाता है। राणे की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, ''यह गंभीर मामला है और चिंता का विषय है। यह एक तरह से लोकतंत्र का हनन है। लोकतंत्र की हत्या है।'' उन्होंने कहा कि कुछ शब्द नारायण राणे ने जरूर प्रयोग किए होंगे, जिनसे बचा जा सकता था।
संबित पात्रा ने कहा, ''लेकिन क्या यही सहिष्णुता है? क्या यही कानून है? महाराष्ट्र के कुछ मंत्री बता रहे हैं कि कानून सर्वोपरि है। बीजेपी के दफ्तरों पर पत्थरबाजी करना, लोगों की जान को जोखिम में डालना क्या यह कानून है? इस तरह से एक मंत्री पर 30-40 प्राथमिकी दर्ज करना, क्या यह कानून है?'' पात्रा ने दावा किया ओर सवाल उठाया कि आज महाराष्ट्र में वर्तमान में 42 में 27 ऐसे मंत्री हें जिनके ऊपर विभिन्न मामले चल रहे हैं लेकिन इनमें से कितने लोग जेल में हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का उल्लेख करते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वहां तो हर महीने 100 करोड़ वसूली करने वाली सरकार है।