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पूर्वोत्तर में बाढ़ से जनजीवन अस्त -व्यस्त लाखों बेघर, ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान पर

Alok Mishra
18 Jun 2018 8:51 AM GMT
पूर्वोत्तर में बाढ़ से जनजीवन अस्त -व्यस्त लाखों बेघर, ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान पर
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यहां छह जिलों में 4.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर के बाढ़ प्रभावित बाकी राज्यों में रविवार को हालात में कुछ सुधार हुआ।

गुवाहाटी: पूर्वोत्तर में आई बाढ़ से शनिवार से रविवार के बीच छह और लोगों की मौत हो गई। पांच मौत असम में और एक मणिपुर में हुई। इस तरह इलाके में बाढ़ से मौत का आंकड़ा 23 हो गया। असम में हालात और खराब हो गए हैं। यहां छह जिलों में 4.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर के बाढ़ प्रभावित बाकी राज्यों में रविवार को हालात में कुछ सुधार हुआ। इस बीच, मौसम विभाग का अनुमान है कि सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, ब्रह्मपुत्र नदी का जल स्तर 4-5 सेंटीमीटर प्रतिघंटे क रफ्तार से बढ़ रहा है। साथ ही चेतावनी जारी की है कि अगले 2 से 3 दिनों में यह खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। प्रभावित राज्यों के कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति भी ठप हो गई है। कई जिलों में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं।
करीब 430 लोगों को इंफाल के इरोंग, मइबम, उछीवा, अराप्ती, कियामगेई, अचानबिगेई और मोंगजम गांवों से बचाया गया है। त्रिपुरा के कई गांवों से 950 लोगों को वायु सेना के जवानों ने बचाया है। जबकि 2000 से अधिक लोग राहत कैंपों में ठहरे हुए हैं।
असम के जोरहट में निमातीघाट पर ब्रह्मपुत्र और काछर जिले के एपी घाट पर तथा करीमगंज में बद्रपुरघाट पर बराक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इनके अलावा धनसिरी, जिया भराली, कोपिली, काटाखाल और कुशियारा भी एक से दो जगह खतरे के निशान से ऊपर हैं। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक, राज्य में बाढ़ से हुए हादसों में मरने वालों की तादाद 12 हो गई है। प्रभावित जिलों में होजाई, पश्चिम कार्बी अंगलोंग, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी और काछर शामिल हैं। सबसे ज्यादा असर करीमगंज में है। यहां 2.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद हैलाकांडी में 1.93 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

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