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गुमनामी बाबा ही निकले नेताजी! फौजियों के काम आनेवाली जर्मन दूरबीन भी मिली
Special News Coverage
10 March 2016 2:19 AM GMT
फैजाबाद
उत्तर प्रदेश में फैजाबाद के चर्चित गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के चौबीस बक्सों में से दो टेप रिकॉर्डर समेत 1721 सामान मिले हैं। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी का बुधवार को एक बक्सा खोला गया जिसमें दो रिकॉर्ड प्लेयर, एक घड़ी, रेडियो, बंगाली और अंग्रेजी भाषा में किताबें, बनियान समेत 125 सामान मिले हैं।
उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट के कोषागार से गुमनामी बाबा के चौबीस बक्सों को निकाल कर खोला गया, जिसमें ब्रिटिश लिमिटेड कम्पनी इंग्लैण्ड निर्मित टाइप राइटर व फौजियों के काम आनेवाली जर्मन दूरबीन, जापानीज क्राकरी, होम्योपैथिक की दवाएं, ज्योतिष और आयुर्वेद की पुस्तकों के साथ प्राकृतिक वनस्पतियों के गुणों का बखान करने वाली पुस्तक, तंत्र साधना की पुस्तक, पत्रिका, घड़ी, रेडियो, बनियान और ज्यादा संख्या में बंगाली और अंग्रेजी की मोटी किताबें मिली हैं।
सूत्रों ने बताया कि गत 26 फरवरी से कलेक्ट्रेट के कोषागार से इन सामानों को निकाल कर प्रशासकीय समिति द्वारा एक सूची बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि आठ दिन तक लगातार इन बक्सों को खोला गया जिसमें उपरोक्त सामान मिले। इन सामानों की वीडियोग्राफी भी करायी गयी है। सामानों को अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुखर्जी आयोग के दो बक्से और खुलने हैं, अभी इसकी तारीख निश्चित नहीं है कि यह कब खोले जाएंगे। इन बक्सों में लगभग एक हजार सामान होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि फैजाबाद के सिविल लाइन रामभवन में स्थित गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी का देहान्त 16 सितम्बर 1985 को हुआ था।
उसके बाद ही फैजाबाद के अवाम ने कहा था कि यह गुमनामी बाबा नेता सुभाषचन्द्र बोस हो सकते हैं। बोस की भतीजी ललिता बोस ने 1986 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि फैजाबाद के सिविल लाइन में स्थित रामभवन में गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी का सामान कोषागार में रखा जाय जिससे यह सामान नष्ट न हो सके। इसी आधार पर इन सामानों की सूची बना करके कोषागार में रखवाया गया था।
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