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पीएम मोदी ने देश को समर्पित की इंडियन ऑइल की पारादीप रिफाइनरी
Special News Coverage
7 Feb 2016 3:49 PM IST

भुवनेश्वर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारादीप में आइओसीएल यानी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड के रिफ़ाइनरी देश को समर्पित की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कि यह रिफाइनरी ऑडिशा के युवा और इस पूरे राज्य के विकास में मदद करेगी। साथ ही इसी के बदौलत राज्य में गरीबों के घर गैस सिलेंडर पहुंचेगा।
Prayed at the Jagannath Temple for the development of India & the wellbeing of every Indian. pic.twitter.com/OGe8XtWzz2
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2016
इससे पहले, पीएम मोदी पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और वहां उन्होंने भगवान के दर पर मत्था टेका। रास्ते में बड़ी संख्या में लोग उनके अभिवादन के लिए खड़े थे। प्रधानमंत्री भी सुरक्षा प्रोटोकॉल को तोड़कर गाड़ी से बाहर निकलकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते दिखाई दिए। पीएमओ की तरफ से ट्वीटर पर यह तस्वीर साझा की गई है।
Touched by people's warmth and affection in Puri. pic.twitter.com/e1wMlwP5S5
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2016
डेढ़ करोड़ टन सालाना क्षमता की पारादीप रिफाइनरी का निर्माण करीब 16 साल में पूरा हुआ है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 24 मई 2000 को आईओसी के इस नौंवें संयंत्र की आधारशिला रखी थी। पारादीप रिफाइनरी से पहले आईओसी की आठ रिफाइनरियों की कच्चे तेल की शोधन की कुल क्षमता 5.42 करोड़ टन थी।
पारादीप के जरिये आईओसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियां हैं जिनकी कुल रिफाइनिंग क्षमता 6.2 करोड टन है। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी की एक अनुषंगी चेन्नै पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी है जिसके द्वारा परिचालित रिफाइनरियों की कुल शोधन क्षमता 1.15 करोड़ टन है।
भुवनेश्वर से करीब 140 किलोमीटर दूर स्थित पारादीप रिफाइनरी दुनिया की सबसे आधुनिक रिफाइनरियों में से एक है जो सस्ते उच्च सल्फर वाले भारी कच्चे तेल का भी प्रसंस्करण कर सकती है। अधिकारियों ने बताया कि यह रिफाइनरी सालाना 56 लाख टन डीजल, 37.9 लाख टन पेट्रोल और 19.6 लाख टन केरोसिन-एटीएफ का उत्पादन करेगी। इसके अलावा यहां 7.90 लाख टन एलपीजी और 12.1 लाख टन पेटकोक का भी उत्पादन होगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने सुबह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर) के नए परिसर का उद्घाटन किया। विज्ञान में नवोन्मेष का समर्थन करने वाले प्रधानमंत्री ने 'शून्य-त्रुटि' वाली संवहनीय एवं टिकाऊ तकनीकों की वकालत की।

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