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मुंबई :भाषा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत ने विश्व को सांप्रदायिकता नहीं बल्कि आध्यात्म दिया है तथा संतों एवं ज्ञानियों ने हमेशा राष्ट्र धर्म का समर्थन किया है।
मोदी ने आज लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से जैन संत आचार्य रत्नसुंदरसुरजी महाराज द्वारा लिखी गई 300वीं पुस्तक का लोकार्पण किया । उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भारत की आध्यात्मिक विरासत में विश्वास रखते थे और उन्होंने कहा था कि यह मानव जाति को आज महसूस की जा रही प्रमुख चुनौतियों से निबटने में सहायता कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व को जैसा हमें समझना चाहिए, वैसे वह नहीं समझ पाया है। भारत एक ऐसा देश है जहां संकुचित प्रवृत्तियां नहीं रही हैं। भारत ने विश्व को कभी सांप्रदायिकता नहीं दी बल्कि अध्यात्म दिया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कई बार समुदाय समस्याओं के जनक बन जाते हैं किन्तु आध्यात्मिकता समस्याओं का हल देती है।’’ मोदी ने जैन संत को महान समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता बताया और कहा कि उन्होंने अपनी विभिन्न पुस्तकों के जरिये ब्रह्माड की सभी अवधारणओं और वस्तुओं के बारे में अपने विचार व्यक्त किये हैं।
‘मेरा भारत, अच्छा भारत’ या ‘मारू भारत, सारू भारत’ नामक पुस्तक चार भाषाओं अंग्रेजी, हिन्दी, गुजराती और मराठी में लिखी गयी है । इसका लोकार्पण सौमैया मैदान में साहित्य सत्कार समारोह के दौरान किया गया । यह समारोह 10 दिन का धार्मिक एवं आध्यात्मिक सम्मेलन था।
मोदी ने पंडाल में उपस्थित 30 हजार लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही मैं आप से दूर हूं पर मैं दिल से आपके बहुत करीब हूं और आचार्य का चरण स्पर्श करता हूं।
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