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मोदी का फैन हूं, DDCA में हुए भ्रष्टाचार का विरोध करता रहूंगा : कीर्ति आजाद

Special News Coverage
20 Dec 2015 12:06 PM GMT
Kirti Azad DDCA Scam

नई दिल्ली : DDCA के कथित घोटाले पर पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने एक स्टिंग दिखाकर क्रिकेट संघ में फर्जीवाड़े का दावा किया है। खुलासे से पहले कीर्ति आजाद ने कहा कि वह किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं कर रहे हैं, खुद वह पीएम मोदी के बड़े फैन हैं। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को हटाने के लिए काफी काम किया है।

कीर्ति ने विकीलिक्स फॉर इंडिया द्वारा बनाए गए एक वीडियो को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया। वीडियो में डीडीसीए को लेकर कई स्कैम की बात की गई। वीडियो में दावा- कई कंपनियों के नाम पर डीडीसीए में करोड़ों रुपए अंदर किए गए। जांच में कंपनियों के फर्जी पते पाए गए। बिना जांच किए कंपनियों को भुगतान जारी किए गए। फर्जी पतों पर बनाई गई कंपनियों को काम के टेंडर दिए गए थे।लैपटॉप-प्रिंटर की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा सामने आया। 16900 रुपए एक लैपटॉप का किराया दिया गया।

वीडियो के मुताबिक, डीडीसीए में कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली कंपनियां पूरी तरह फर्जी हैं। बीसीसीआई देशभर के क्रिकेट असोसिएशन को स्टेडियम और बाकी चीजों को बेहतर बनाने के लिए धन देती है लेकिन डीडीसीए ने इसका पूरी तरह दुरुपयोग किया है।

वीडियो के मुताबिक, जेनेसिस नेट लैब प्रा. लि. नाम की कंपनी का पता मधु विहार, दिल्ली में बताया गया लेकिन जांच करने पर ऐसी कोई भी कंपनी नहीं पाई गई। ऐसा ही सफदरजंग ऐन्क्लेव की एक कंपनी के साथ हुआ।


DDCA के कथित घोटाले पर बोले कीर्ति आजाद, मुख्य बिंदु :--

- फर्जी कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिए गए, पेमेंट किए गए, लेकिन कोई वेरिफिकेशन नहीं हुआ।'
- बिलों को पास करने से पहले ऐग्जिक्युटिव स्तर की कोई भी बैठक नहीं हुई।'
- बिना जांच किए कंपनियों को भुगतान जारी किए गए।'
- फर्जी पतों पर बनाई गई कंपनियों को काम के टेंडर दिए गए थे।'
- DDCA के सदस्य टेंडर की कीमतों से छेड़छाड़ करते थे।'
- लोग वही रहते थे, लेकिन कंपनी का नाम बदल जाता था।'
- यदि कंपाउंडिंग सही थी तो हाई कोर्ट ने उस पर रोक क्यों लगा दी?'
- कंपनियों को करोड़ों रुपए दे दिए गए, लेकिन उन्हें उनका नेचर ऑफ वर्क नहीं बताया गया।'
- शादी से पहले हम परिवार देखते हैं। यहां तो बिजनस की बात थी फिर भी कंपनियों पर ध्यान नहीं दिया गया।'
- सप्लायरों को DDCA के बिलों में फर्जीवाड़ा मिला।
- DDCA से जुड़ी 14 फर्जी कंपनियां सामने आईं।

कीर्ति के आरोप? /b>
- आजाद का कहना है कि DDCA में पिछले 10 साल के दौरान 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी हुई।
- रीजनल डायरेक्टर ए.के. चतुर्वेदी और दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार डी. बंद्योपाध्याय ने इसकी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की।
- बंद्योपाध्याय कोलकाता में 9 साल तक कंपनी रजिस्ट्रार रहे। उन्हीं के समय में वहां सारदा घोटाला हुआ।
- आजाद के मुताबिक, उन्होंने जेटली को डीडीसीए अफसरों के करप्शन पर 200 से ज्यादा चिट्ठियां लिखीं, लेकिन जेटली ने उनका कोई जवाब नहीं दिया। आरोप है कि स्टेडियम कन्स्ट्रक्शन में 24 करोड़ रुपए खर्च होने थे, लेकिन 130 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी काम पूरा नहीं हो सका।
- अक्टूबर 2012 में कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी डीडीसीए में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बिशन सिंह बेदी, मनिंदर सिंह, सुरिंदर खन्ना, गुरशरण सिंह जैसे पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के आरोपों के समर्थन में धरने पर भी बैठ चुके हैं।
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