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2015 में विदेशों से सबसे अधिक विदेशी धन प्राप्त करने में भारत पहले स्थान पर
Special News Coverage
20 Dec 2015 1:28 PM GMT
वाशिंगटनः भारत में इस साल विदेशों में कामकाज के लिए गए उसके नागरिकों ने सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे। विदेशों से 72 अरब डालर की राशि के मनीआर्डर प्राप्त करने के साथ भारत इस मामले में पहले नंबर पर रहा है। इसके बाद चीन का स्थान रहा जहां 64 अरब डालर आये। यह बात आज विश्व बैंक ने कही।
भारत में सबसे ज्यादा पैसा अमेरिका से भेजा गया, वर्ष 2014 में अमेरिका से अनुमानित 56 अरब डालर के मनीआर्डर भेजे गये। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2015 में विदेशों से भेजे गये मनीआर्डर प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा देश रहा है। इस दौरान भारत को अनुमानित 72 अरब डालर के मनीआर्डर भेजे गये। इसके बाद चीन (64 अरब डालर) और फिलिपींस (30 अरब डालर) का स्थान रहा। रिपोर्ट के अनुसार जिन देशों से ये मनीआर्डर भेजे गये उनमें अमेरिका सबसे आगे रहा।
वर्ष 2014 में सबसे ज्यादा मनीआर्डर अमेरिका से भेजे गये, उसके बाद सउदी अरब (37 अरब डालर) और रुस (33 अरब डालर) का स्थान रहा। विश्व बैंक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासियों की संख्या बढ़कर सबसे अधिक 25 करोड़ के पार पहुंच जाएगी क्योंकि लोग आर्थिक अवसर की तलाश में एक देश से दूसरे देश जा रहे हैं। तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहे विकासशील देश अब दुनिया के दूसरे विकासशील देशो के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
विश्वबैंक की रपट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी इस साल अपने परिवारों को अपने गृहदेश में 601 अरब डालर भेजेंगे और इसमें विकासशील देशों को 441 अरब डालर मिलेंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि विकास सहायता के लगभग तीन गुना राशि का अंतरराष्ट्रीय प्रवासी मनीआर्डर विकासशील देशों के करोडों परिवारों के लिए जीवन रेखा है। इसके अतिरिक्त प्रवासियों के पास 500 अरब डालर की सालाना बचत होती है।
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