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कन्हैया समेत पांच छात्रों को JNU से निकलने की सिफारिश

Special News Coverage
15 March 2016 2:07 AM GMT
kanhaiya
नई दिल्ली
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने आज 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस भेजे क्योंकि एक जांच समिति ने उन्हें अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ परिसर में एक कार्यक्रम के संबंध में नियमों के ‘उल्लंघन का दोषी’ पाया। इस कार्यक्रम में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगे थे।

कुलपति एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में आज यह फैसला किया गया। इसमें इस मुद्दे की जांच करने वाली पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, कुछ छात्र विश्वविद्यालय नियमों और अनुशासन नियमों के उल्लंघन के दोषी पाए गए। उनमें से 21 को कारण बताओ नोटिस भेजने का फैसला किया गया और उन्हें 16 मार्च तक का समय दिया गया है।

अधिकारी ने छात्रों के नामों का खुलासा नहीं किया लेकिन विश्वविद्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि कारण बताओ नोटिस जिन छात्रों को जारी किया गया है उनमें वे आठ छात्र भी शामिल हैं जिन्हें पहले इस मामले को लेकर निलंबित किया गया था और 10 छात्र वे हैं जिनके बारे में पुलिस ने विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी थी। सूत्रों के मुताबिक, इनमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य का नाम भी शामिल बताया जा रहा है।


अधिकारी ने कहा कि इस तरह के मामलों में कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय नियमों में मानक प्रावधान हैं। उच्चस्तरीय जांच समिति की सिफारिशें जेएनयू अनुशासन एवं उचित आचरण के नियमों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के जवाब के आधार पर इस संबंध में अंतिम फैसला किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने अफजल गुरु की फांसी के विरोध में परिसर में हुए विवादित कार्यक्रम के संबंध में छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित आठ छात्रों का शैक्षणिक निलंबन 11 मार्च को वापस लिया था। विश्वविद्यालय ने कहा था कि इसका मतलब छात्रों को ‘क्लीन चिट’ देना नहीं है और इस संबंध में अंतिम फैसला कुलपति द्वारा रिपोर्ट की जांच के बाद किया जाएगा। कन्हैया कुमार के अलावा, आठ निलंबित छात्रों में उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष, रामा नगा, अनंत कुमार, श्वेता राज और ऐश्वर्या अधिकारी शामिल थे।
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