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JNU केस : कन्हैया को SC से झटका, कहा- हाई कोर्ट जाओ
Special News Coverage
19 Feb 2016 7:12 AM GMT
नई दिल्ली : जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने कन्हैया कुमार की जमानत याचिका सुनने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस स्टेज पर यहां सुनवाई नहीं कर सकते हैं। हालांकि कोर्ट ने कन्हैया को हाईकोर्ट जाने की छूट दी है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लंबित रहेगी।
कोर्ट ने कन्हैया की याचिका को हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है और कन्हैया के वकीलों को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कहा है। साथ ही हाईकोर्ट से भी कहा है कि जल्द फैसला दें।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? कन्हैया के वकील राजू रामचंद्रन ने कहा - हाईकोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट एक ही हैक्सागन पर हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के वकील कन्हैया का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस सारे मामले की लगातार सुनवाई की है। ट्रायल कोर्ट में कन्हैया और वकील की हिफाजत नहीं की जा सकती। उधर, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में साफ किया कि उन्हें अब कन्हैया कुमार के रिमांड की जरूरत नहीं है।
जमानत याचिका में कन्हैया की ओर से कहा गया कि वह बेगुनाह है। पुलिस को अब हिरासत की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि उसके खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिले हैं। उसके खिलाफ ठोस सबूत मिलने से पहले ही गुनाहगार जैसा बर्ताव किया गया। पटियाला हाउस में उसे पीट-पीटकर मार डालने की कोशिश की गई। उसके अधिकारों का हनन किया गया। कन्हैया ने जेल में भी जान का खतरा बताया है।
याचिका में यह भी लिखा गया है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद सुरक्षा नहीं हो पाई। वहां उसे फेयर ट्रायल नहीं मिलेगा। इसलिए ऐसे हालात में सुप्रीम कोर्ट जमानत दे।
इससे पूर्व दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी नरम रुख अख्तियार करते हुए कह चुके हैं कि पुलिस कन्हैया की जमानत का विरोध नहीं करेगी।
दूसरी ओर कन्हैया की रिहाई के लिए देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं। जानकारी के मुताबिक, बिहार के मधुबनी में कुछ लोगों ने ट्रेन रोककर विरोध जताया। दो दिन पहले पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के बाद कन्हैया की मेडिकल रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कन्हैया के साथ मारपीट हुई है। उनके दाएं अंगूठे में दर्द है। बाएं पैर और नाक पर भी खरोंच के निशान मिले हैं। इसके अलावा शरीर के बाहरी हिस्से में कोई चोट नहीं मिली, हालांकि कन्हैया ने सीने में दर्द होने की शिकायत भी की थी।
बता दें कि 28 वर्षीय छात्र नेता कन्हैया को बीते 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। अफजल गुरु को वर्ष 2013 में दी गई फांसी के तीन दिन पूर्व जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में उन पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने का आरोप है। अफजल गुरु कश्मीरी आतंकी था और वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले की साजिश में शामिल था।
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