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26/11: कोर्ट में निकम पहुंचे, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए मुंबई कोर्ट में हेडली की गवाही शुरू

Special News Coverage
8 Feb 2016 3:18 AM GMT
हेडली की गवाही: 26/11 मुंबई अटैक का अहम किरदार लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली की आज पहली बार मुंबई की एक अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाही शुरू हो गई है। उसे मुंबई आतंकी हमलों के मामले में सरकारी गवाह बनाया गया है। वह साजिश के बारे में नये खुलासे कर सकता है। अदालत में फिलहाल मुख्य साजिशकर्ता सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल पर मुकदमा चल रहा है।

विशेष सरकारी अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा, भारतीय कानून के इतिहास में पहली बार कोई विदेशी आतंकवादी किसी भारतीय अदालत में पेश होगा और बयान देगा।

हेडली के कबूलनामे में और क्या?

दिल्ली में उपराष्ट्रपति के घर, इंडिया गेट और CBI ऑफिस की भी रेकी की।
PAK में बैठे आईएसआई के मेजर इकबाल और समीर अली उसके हैंडलर थे।
लश्कर के जकी उर रहमान लखवी का हैंडलर ISI का ब्रिगेडियर रिवाज था।
लखवी की गिरफ्तारी के बाद ISI चीफ शुजा पाशा उससे मिलने भी गए थे।

निकम ने कहा कि 26/11 के हमले के पीछे के कई तथ्यों को सामने लाने के लिए हेडली की गवाही महत्वपूर्ण है। हालांकि उन्होंने ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया। हेडली कल और परसों सुबह सात से दोपहर 12:30 बजे के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में गवाही देगा।

इस बीच मुंबई के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हेडली आपराधिक षड्यंत्र का व्यापक पहलू बता सकता है और हमलों में शामिल सभी लोगों की जानकारी दे सकता है। मुंबई आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गये थे और 309 घायल हो गये थे।

अधिकारी ने कहा, वह मामले में पाकिस्तान की भूमिका को भी उजागर कर सकता है। अदालत ने 10 दिसंबर, 2015 को हेडली को सरकारी गवाह बनाया था और उसे आठ फरवरी को अदालत के समक्ष गवाही देने का निर्देश दिया था।

फिलहाल मुंबई हमलों में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में 35 साल की कैद की सजा काट रहे हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी ए सनप से कहा था कि अगर उसे माफ किया जाता है तो वह गवाही देने को तैयार है। न्यायाधीश ने हेडली को कुछ शर्तों के आधार पर सरकारी गवाह बनाया था और उसे माफी दी थी।
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