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राज्यसभा में उठा विजय माल्या का मुद्दा : कांग्रेस बोली, सरकार ने भगाया - बीजेपी ने दिया जवाब
Special News Coverage
10 March 2016 6:39 AM GMT
नई दिल्ली : राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस ने विजय माल्या का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी लपेटने की कोशिश की है। उच्च सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस केस में केंद्र को भी पार्टी बनाया जाए। आजाद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि विजय माल्या कोई सुई नहीं है, जिन्हें पकड़ा नहीं जा सकता। वो एक किलोमीटर दूर से भी नजर आ सकते हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने माल्या को देश से भगाया।
जेटली का पलटवार ?
कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में माल्या के मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने इसके लिए पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। जेटली ने कहा सितंबर 2004 में माल्या को बैंकों की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। उन्होंने कहा कि माल्या को लोन यूपीए सरकार में मिला था।
लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव
बिजनेसमैन विजय माल्या के मुद्दे पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीएम सांसद एमबी राजेश और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। करीब 17 सरकारी बैंकों का कर्ज चुकाने में नाकामयाब रहे विजय माल्या देश छोड़ चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
- एजी मुकुलु रोहतगी ने बुधवार को कोर्ट के पूछने पर बताया कि 'माल्या तो 2 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं।'
- अब सवाल सरकार पर उठ रहे हैं। पूर्व सीबीआई चीफ जोगिंदर सिंह का कहना है कि माल्या के भागने की पूरी जानकारी सरकार को थी।
- वहीं, वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सीबीआई को पता था कि माल्या भाग सकते हैं, तो कोई कदम क्यों नहीं उठाया? माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस तक जारी था। ऐसे में वे भाग कैसे गए?
- अटॉर्नी जनरल के जवाब के बाद कोर्ट ने माल्या को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि उन्हें ईमेल के जरिए नोटिस भेजा जा सकता है।
- संभवत: माल्या इंग्लैंड गए हैं, इसलिए लंदन में भारतीय उच्चायोग के जरिये भी नोटिस दिया जा सकता है।
- माल्या को 2 हफ्ते के भीतर जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।
बैंकों कों का माल्या पर कितना बकाया?
(पैसा करोड़ रुपए में)
एसबीआई-1600
पीएनबी-800
आईडीबीआई-800
बैंक ऑफ इंडिया- 650
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया-430
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-410
यूको बैंक- 320
कॉर्पोरेशन बैंक-310
स्टेट बैंक ऑफ मैसूर-150
इंडियन ओवरसीज बैंक-140
फेडरल बैंक- 90
पंजाब एंड सिंध बैंक-60
एक्सिस बैंक-50
(सोर्स- PTI रिपोर्ट 2014)
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