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पेट्रोल के दाम 100 रुपए होते ही ठप्प हो जाएंगे पेट्रोल पंप, देश भर में मचेगा हाहाकर
यूसुफ़ अंसारी
पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतें रोज़ाना बढ़ रही हैं. आसमान छूती कीमतों से जहां आम आदमी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं वहीं अब तेल कंपनियों में भी हड़कंप मच गया है. जिस रफ्तार से पेट्रोल-डूज़ल की क़ीमते बढ़ रही हैं उसे देखते हुए इनके जल्द 100 कां आंकड़ा छूने की आशंका है. ऐसा होते ही देश भर के तमाम पेट्रोल पंप ठप्प हो जाएंगे. होगा यह कि पेट्रोल पंपों पर लगी मशीने तेल की क़ीमत बताना बंद कर देंगी. ऐसे मे इन मशीनों से पेट्रोल नहीं मिल पएगा. इसे देश में पेट्रोल को लेकर हाहाकार मच सकता है.
दरअसल पेट्रोल पंपों पर लगी मौजूदा डिस्पेंसिंग यूनिट में पेट्रोल का कीमत बताने वाले मीटर में अभी दो अंकों तक की क़ीमत दिखाने की ही व्यवस्था है. यानि ये मीटर रुपए 99.99 तक ही पेट्रोल की क़ीमते दिखा सकते हैं. पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपए होते ही मीटर 00.00 दिखाएगा. ऐसे में मोजूदा मशीनों से पेट्रोल निकालना संभव नहीं होगा. यह समस्या पेट्रोलियम इंडस्ट्री के लिए यह बड़ी चुनौती साबित हो रही है. तेल की लगातार बढ़ती कीमतों ने पेट्रोलियाम इंडस्ट्री के सामने यह बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 90 रुपए तो डीज़ल 80 रुपए से ज्यादा कीमत पर बिक रहा है.
दरअसल यह समस्या पिछली सदी के अंत में पैदा हुई बहुचर्चित Y2K बग जैसी है. तब साल 2000 की शुरुआत होते ही दुनिया भर के कंप्यूटरों के ठप्प होने की आशंका जताई गई थी. तब आनन-फानन में दुनिया भऱ के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने दिन-रात काम करके इस, समस्या से निजात दिलाई थी. अब पेट्रोल के दाम के शतक लगाने से पहले ही इंडस्ट्री को इस चुनौती से निपटने की चुनौती है. इसमें नाकाम होने का मतलब है कि पेट्रोल पंपों के डिस्पेंसिंग यूनिट (डीयू मीटर, जो दाम और तेल की मात्रा दिखाते हैं) काम करना बंद कर देंगे. मतलब ये कि अगर पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर को पार करती है तो पेट्रोल पंप बंद हो जाएंगे.
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन एम. प्रभाकर रेड्डी ने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां एकदम आखिरी वक्त में जाग रही हैं. दरअसल डिस्पेंसिंग यूनिट्स को डिजिटल बनाते वक़्त यह सोचा ही नहीं गया कि आने वाले समय में पेट्रोल के दाम एक दिन 100 रुपए प्रति लीटर तक हो जाएंगे. इस एक भूल का खामियाजा डीलर्स और उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि सिस्टम को अपग्रेड करने में वक्त लगेगा. इस दौरान आम लोगों को कई-कई दिन पेट्रोल-डीज़ल नहीं मिलेगा. जैसे नोटबंदी के दैरान खाली एटीएम ने लोगों की परेशानिया बढ़ाई थी वैसे ही खाली पेट्रोल पंप लोगों का परेशानियाें का सबब बनेंगे.
नोटबंदी के दौरान एटीएम मशीनों के नए नोटों के साइज़ के हिसाब से कैलिब्राइज़ करने में बहुत वक्लत लगा था. उस वक्त तो ऑनलाइन पेंमेंट से लोगों ने किसी तरह काम चला लिया था. लेकिन पेट्रोल-डीज़ल के बगैर कैसे काम चलेगा. ऐसे में देश भर की यातायात वयव्सथा पर इसका असर पड़ सकता है. स्कूटर, मोटर साइकिल से कार और ट्रैक्टर, ट्राली, ट्रक और बसें सब पेट्रोल पंपों के नज़दीक सड़कों के किनारे लाइन लगाए मिलेंगे.