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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 51 अर्थशास्त्रियों ने लिखा खुला पत्र, की ये मांगें
दुनियाभर के 51 प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तो खुला पत्र लिखकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन और मां बनने के बाद महिलाओं को उचित लाभ दिए जाने और इसके लिए बजट में राशि आवंटित करने की मांग की है.
अर्थशास्त्रियों ने बताया है कि वो इससे पहले 20 दिसंब 2017 और 21 दिसंब 2018 को भी इस संबंध में पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन उनके प्रस्तावों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया.
चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार अभी वृद्धों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत सिर्फ़ 200 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करती है. ये राशि साल 2006 से बढ़ाई नहीं गई है. इसे बढ़ाकर 500 रुपये या उससे अधिक करना चाहिए. सरकार फ़िलहाल 2.1 करोड़ लोगों को पेंशन देती हैं. नई व्यवस्था लागू करने के लिए इसके लिए सरकार को बजट में 7 हज़ार 560 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित करने होंगे.
विधवा पेंशन को भी 300 से बढ़ाकर 500 रुपये करने की मांग की गई है. इस पर 1560 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ख़र्च होगा.
इस पत्र में ये भी कहा गया है कि साल 2013 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत महिलाओं को मां बनने पर 6000 रुपये दिए जाने का प्रावधान था लेकिन केंद्र सरकार ने कई सालों तक इसपर कोई क़दम नहीं उठाया. साल 2017 में इस संबंध में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लाई गई. हालांकि, इसके लिए बजट में कभी भी ढाई हज़ार करोड़ रुपये से अधिक आवंटित नहीं किए गए. ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के मानदंडों के अनुसार ज़रूरी बजट का एक तिहाई भी नहीं है. ये अपने आप में क़ानून का उल्लंघन है.
इस योजना के तहत एक महिला को हर बच्चे पर सिर्फ़ 5000 रुपये ही मिलते हैं. साल 2023-24 के केंद्रीय बजट में खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत जिन मातृत्व लाभों को ज़रूरी बताया गया है, वो सब लागू होने चाहिए. इसके लिए बजट में 8 हज़ार करोड़ रुपये का आवंटन करना होगा.
चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार सभी लाभार्थियों को हर महीने की सात तारीख को भुगतान होना चाहिए.