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धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे 800 पाकिस्तानी हिंदू परिवार भारत पहुंचे थे लेकिन नागरिकता पाने में उन्हें मायूसी हाथ लगी। इसके बाद वह अपने देश वापस लौट गए। एक रिपोर्ट के मुताबिक यद दावा भारत में पाकिस्तानी अल्पसंख्य प्रवासियों के अधिकारों की वकालत करने वाले सीमांत लोक संगठन ने किया है।
खबरों के मुताबिक इनमें से कई हिंदू परिवारों ने भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन नागरिकता आवेदन में कोई खास प्रगति न होता देख कई परिवार पाकिस्तान (Pakistan) लौट गए। अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने एसएलएस के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा के हवाले से लिखा कि नागरिकता न मिलने पर जब वे वापस पाकिस्तान जाते हैं तो उनका इस्तेमाल पाकिस्तानी एजेंसियां भारत को बदनाम करने के लिए करती हैं।
सोढ़ा ने कहा कि ऐसे लोगों को मीडिया के सामने पेश कर अपने साथ भारत में बुरा व्यवहार होने की बात कहने के लिए दबाव डाला जाता है। इस मामले को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार के लिए यह कितनी शर्म की बात है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन (Human Right Violations In Pakistan) के शिकार लगभग आठ सौ लोग, जो भारतीय नागरिक बनने की उम्मीद में भारत आए थे, उन्हें मोदी सरकार की सीएए पर गैर कार्रवाई से धोखा मिला और वे नाउम्मीदी के