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स्वस्थ देश समृद्ध देश: एक स्वस्थ राष्ट्र ही एक उत्पादक राष्ट्र हो सकता है" : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
पीआईबी नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमें 'फ्रॉम टोकन टू टोटल' दृष्टिकोण के तहत व्यापक स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि दीहै। हम 'संतृप्ति दृष्टिकोण' के साथ प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों के साथ काम कर रहे हैं, जो कि सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए मूल रूप से जुड़े हुए हैं।" मांडविया ने यह बात उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा कल शुरू किए गए पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन पर एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।
64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, 2021-22 के बजट में घोषित पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, सबसे बड़ी अखिल भारतीय स्वास्थ्य अवसंरचना योजना है जिसका उद्देश्य उभरते सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों पर ध्यान देने के लिए भारत की क्षमता को एक बहुत ही आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह भारत के स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में एक आदर्श बदलाव लाएगा तथा इसे और अधिक मजबूत बनाएगा।
विकास और स्वास्थ्य को आपस में कैसे जोड़ा जाता है, इस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि "किसी भी देश को समृद्धि प्राप्त करने के लिए पहले उसे स्वस्थ बनना होगा।" इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसके कारण स्वच्छ भारत अभियान, फिट इंडिया, खेलो इंडिया और योग जैसी योजनाएं बनीं जो निवारक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं और मुद्दों परसमग्र रूप से ध्यान देती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि "केवल एक स्वस्थ राष्ट्र ही एक उत्पादक राष्ट्र हो सकता है- स्वस्थ देश, समृद्ध देश। अखिल भारतीय आयुष्मान भारत प्राथमिक, माध्यमिक, तृतीयक, डिजिटल और मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली प्रदान करेगा जोदेश को भविष्य में महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा।