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भारत छोड़ो आंदोलन' की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शनी की अनुपम झलक..
पीआईबी, नई दिल्ली: यह प्रदर्शनी भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक अंग के रूप में लगाई गई है।
यह प्रदर्शनी 9 अगस्त से 8 नवंबर, 2021 को सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक जनता के लिए खुली है। प्रदर्शनी भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान की घटनाओं के चित्र, आधिकारिक दस्तावेज, एलईडी मानचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करती है।
आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में 'भारत छोड़ो आंदोलन' पर इस प्रदर्शनी को राष्ट्रीय अभिलेखागार में लगाया गया है। इस प्रदर्शनी में सार्वजनिक अभिलेखों, निजी पत्रों, मानचित्रों, तस्वीरों और अन्य प्रासंगिक सामग्री के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भारत छोड़ो आंदोलन के महत्व को दर्शाने का प्रयास किया गया है। यह प्रदर्शनी 9 अगस्त से 8 नवंबर, 2021 तक सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक आम जनता के लिए खुली है।
भारत छोड़ो आंदोलन की यात्रा को दर्शाने वाली कुछ झलकियां और विभिन्न रोचक खंडों को नीचे दर्शाया गया है।
भारत छोड़ो आंदोलन की प्रमुख परिस्थितियां : अंग्रेजों ने भारतीय नेताओं की सहमति के बिना 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की भागीदारी की घोषणा की, जिसके कारण ब्रिटिश भारत के प्रांतों के मंत्रालयों ने इस्तीफा दे दिया। दाईं ओर भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि दिखाई गई है।
द ब्रेकडाउन : क्रिप्स मिशन की विफलता के बाद की स्थिति को प्रदर्शनी में सही तरीके से दर्शाया गया है। क्रिप्स मिशन की विफलता ही भारत छोड़ो आंदोलन का तात्कालिक कारण बनी। गांधी जी ने मिशन को पोस्ट डेटेड चेक बताया।
22 अप्रैल, 1942 को एक पत्र के माध्यम से क्रिप्स मिशन पर महादेव देसाई की राय को प्रदर्शनी में दर्शाया गया है।
द सीक्रेट : प्रदर्शनी उस समय के गुप्त दस्तावेजों को प्रदर्शित करते हुए कुछ अज्ञात और रोचक तथ्यों पर प्रकाश डालती है। क्रिप्स मिशन पर मुस्लिम लीग की स्थिति को दर्शाने वाला ब्रिटिश भारत का इंटेलिजेंस ब्यूरो दस्तावेज़ यहां दिया गया है।
एलईडी आधारित प्रस्तुति में कोई भी व्यक्ति किसी भी घटनाओं को अपनी इच्छानुसार जान सकता है, यह तकनीक प्रदर्शनी में प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ प्रदर्शनी को दिलचस्प बनाने में भी मदद करती है।