
अमित शाह बोले, 'वो मेरे लिए सबसे कठिन समय था...',

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के दो दिन से दौरे पर हैं. शुक्रवार को उन्होंने जूनागढ़ जिले में राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता दिवंगत दिव्याकांत नानावटी के जन्म शताब्दी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. मंच से लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने कठिन दौर के बारे में बात की. प्रोफेशनलिज्म किसे कहते हैं, वह समझते हुए उन्होंने दिव्याकांत नानावटी के बेटे निरुपम नानावटी का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने मुझे सीबीआई केस कर जेल में डाल दिया था. मेरे लिए तो यह स्वाभाविक तौर पर सबसे कठिन समय था. 5 मिनट पहले में जेल का मंत्री था और 5 मिनट के बाद में जेल का कैदी था. इस तरह जमीन पर उतरने का सौभाग्य शायद ही किसी को मिला हो. किसी को जमीन पर लाने के लिए ईश्वरने कभी ऐसा बड़ा सौभाग्य किसी को नहीं दिया होगा, जो मुझे दिया था. उसे समय विचार आया कि किसे अपना वकील रखा जाए. कुछ वकील मित्रों के साथ चर्चा भी हुई, क्रिमिनल लॉ की जानकारी रखने वाले अच्छे वकीलों की चर्चा हुई जिसमें स्वाभाविक तौर पर निरुपम भाई का भी नाम आया.
अमित शाह ने कहा, "हम दो-तीन लोग जो चर्चा कर रहे थे तो उनके मन में आया कि निरुपम भाई कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी रहे हैं, कांग्रेस के नेता रहे और उनका बैकग्राउंड भी कांग्रेस का है तो वह यह केस लड़ेंगे? सबका मत ना का ही था. मेरा मन भी यही कह रहा था कि वह नहीं लड़ेंगे. पर मैंने कहा कि पूछने मे क्या जाता है? हमें उनको पूछना चाहिए और फिर एक कॉमन मित्र ने उनके साथ बात की. हम सभी के आश्चर्य के बीच निरुपम भाई ने यह केस ले लिया और सिर्फ लिया ही नहीं, उसे लड़ा और सुप्रिम कोर्ट तक जीतने में मदद भी की.
गृह मंत्री ने आगे कहा, "मैंने उनको पूछा भी था, दिल्ली में हम किसी होटल मे खाना खा रहे थे, मुझे नाम याद नहीं है. जहां मैंने उनसे पूछा और उन्होंने कहा अमित भाई कांग्रेस में मेरे दोस्त भी हैं और मैं जानता हूं कि आपको फंसाया गया है, इसलिए मैं यह केस लड़ रहा हूं. "
क्यों जेल गए थे अमित शाह?
बता दें कि अमित शाह पर गुजरात दंगों में शामिल रहने के आरोप लगे थे. वहीं सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में नाम आने के बाद 25 जुलाई 2010 में अमित शाह को 90 दिन के लिए जेल जाना पड़ा था. उनकी वेबसाइट पर भी इसका जिक्र है जिसमें लिखा है कि नरेंद्र मोदी का करीबी होने की वजह से कांग्रेस ने उन्हें निशाना बनाया.
अमित शाह के गुजरात के गृह मंत्री रहते हुए सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को कांग्रेस ने फर्जी बताया था. इस केस में जब वो जमानत पर बाहर आए तो उनके गुजरात राज्य में घुसने पर 2 साल तक रोक लगी थी. हालांकि, साल 2015 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था.