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गिरफ्तार एंकर रोहित रंजन का बिहार से गहरा नाता, पढ़िए- रोहित की कहानी उनके परिजनों की जुबानी
शिवानंद गिरि, पटना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ खबर को गलत तरीके से प्रस्तुत करने के आरोप में जी ग्रुप के एंकर रोहित रंजन के नाटकीय ढंग से हिरासत में लेने की खबर ने मीडिया और राजनीति जगत में हलचल पैदा कर दी है। ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी ने नया सवाल पैदा कर दिया है, गिरफ्तारी की खबर से मीडिया जगत सहित राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई है। रोहित का बिहार से कनेक्शन जुड़ा हुआ है।
रोहित रंजन का परिवार भले ही झारखंड में जाकर बस गया हो लेकिन बिहार से उसका गहरा नाता रहा है. आइए जानते हैं क्या है उनका बिहार का कनेक्शन-
दरअसल रोहित मूल रूप से बेगूसराय के निवासी है और उसके परिवार के लोग काफी पहले बेगूसराय के समीपवर्ती जिला खगरिया में आ कर बस गए हैं। इसके पिता जी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बड़े अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और ये लोग अब देवघर में घर बनाकर रहते हैं। रोहित की शुरुआती पढ़ाई लिखाई देवघर के मॉडर्न पब्लिक स्कूल से हुई है।उच्च शिक्षा के लिए वे बाहर गए लेकिन पत्रकारिता की शुरुवात आजाद टीवी चैनल से की।उसके बाद वे CNEB गए जहां से P7 होते हुए ज़ी हिंदुस्तान में हैं।राजनीति के साथ साथ खेल की रिपोर्टिंग में काफी दिलचस्पी रखनेवाले रोहित एक एंकर के साथ साथ तेजतर्रार रिपोर्टर भी हैं।
हाल के दिनों में उत्तरप्रदेश चुनाव में उनकी कवरेज को काफी सराहना मिली थी। बिहार के खगरिया में उनके परिवार का आलीशान मकान है और काफी अच्छा बिजनेस हैं। उच्च शिक्षा से जुड़े परिवार में करीब 12 से अधिक लोग इंजीनियर है या विदेशी कंपनियों में काम कर रहें हैं।
रोहित को जानने वाले मानते है कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वह न तो इस तरह की किसी रिपोर्टिंग में रहा है और न ही रहता है।रोहित के पिता सेवानिवृत बैंक अधिकारी रंजीत सिंह इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि पुलिस की मनमानी है यह, पुलिस को कानून सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए न कि गुंडागर्दी। बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के किसी के भी घर में जाकर सामान को इधर उधर करना, बकझक करना कही से ठीक नही है।
वे कहते हैं कि फैक्ट चेक करने का काम एंकर का नहीं है बल्कि प्रोड्यूसर सहित कई अन्य लोग इसके लिए दोषी होते हैं। वे कहते हैं कि यदि मानवीय भूल हो गई और उसके लिए रोहित ने माफी मांग भी ली है तो ऐसे में किसी भी प्रदेश के नेता को अपने बड़े नेता को खुश करने के लिए ऐसा काम नहीं करना चाहिए।
रोहित के चाचा और खगड़िया में भवानी ट्रैक्टर एजेंसी के मालिक मंजीत सिंह कहते हैं कि यह राजनीति से प्रेरित घटना है।
बतौर एंकर वह सभी खबर को पढ़ता है और जब कोई गलत खबर था भी तो उसके लिए उसने माफी मांग ली है,ऐसे में बिना लोकल पुलिस को सूचित किए किसी भी पुलिस का उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करना निंदनीय घटना है। वे कहते हैं कि गलत खबर के लिए एंकर क्यों दोषी हो सकता है उसके लिए तो इनपर और आउटपुट टीम दोषी है,ऐसे में रोहित को टारगेट करना न्यायोचित नहीं है।
सीनियर पत्रकार और टीवी चैनल में 15 साल तक काम कर चुके कृष्ण कुमार कन्हैया कहते हैं कि अगर कोई न्यूज़ एंकर है अगर न्यूज़ रूम से स्टूडियो से अगर कुछ कह रहा है तो उसके पीछे एक बहुत बड़ा सेटअप होता है जहां खबरें तैयार की जाती है उसका टेक्निकल पर देखा जाता है न्यूज़ एंकर है सही गलत की स्टोरी कई चीजों को समेटे हुए रहती है तो उसकी सही और गलत का जो मापदंड है वह आउटपुट की जिम्मेवारी होती है।इसके लिए आउटपुट टीम ज्यादा जिम्मेवार है।खबर को रोचक बनाने और चाट पटा बनाने के लिए टीआरपी गेन करने के लिए हरबड़ी में डिसाइड किया हुआ चीज उसका परिणाम है यह न्यूज।
गौरतलब हो कि रोहित को नाटकीय घटनाक्रम में यूपी की पुलिस ने गिरफ्तार का लिया। जबकि छत्तीसगढ़ की पुलिस गिरफ्तार करने गई थी।
बता दें कि 1 जुलाई को 'जी न्यूज' चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम डीएनए में एंकर रोहित रंजन ने राहुल गांधी के केरल में दिए गए एक बयान को उदयपुर की घटना से जोड़ दिया था। दरअसल राहुल गांधी ने वायनाड में अपने संसदीय कार्यालय में तोड़फोड़ करने वाले लोगों को माफ करने की बात कही थी और कहा था कि वे बच्चे हैं। लेकिन टीवी के कार्यक्रम में उनके इस बयान को उदयपुर में कन्हैयालाल के हत्यारों से जोड़ दिया गया था।हालांकि इसके लिए उसने माफी भी मांग लिया था।