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"मीडिया ग्रुप" पर इनकम टैक्स के छापे पर अनुराग ठाकुर ने दी सफाई
नई दिल्ली:आज मीडिया ग्रुप दैनिक भास्कर और उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित भारत समाचार न्यूज़ चैनल के दफ्तर पर इनकम टैक्स की छापेमारी की खबर जैसे ही आयी.उसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया.मारे गए छापेमारी पर सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जवाब दिया कि हम इस पर संसद में भी जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं करते, जो जानकारी दी जा रही है वह जरूरी नहीं कि सच हो.
अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, "एजेंसियां अपना काम करती हैं, हम उनके कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि किसी भी घटना के बारे में रिपोर्ट करने से पहले तथ्यों को जानना होगा. कभी-कभी जानकारी की कमी भ्रम पैदा होती है." .
आयकर विभाग के करीब 100 लोगों की टीम ने दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में दैनिक भास्कर के करीब 30 स्थानों की तलाशी ली. समूह के प्रमोटरों के घरों और कार्यालयों पर भी छापेमारी की गई.
यूपी के एक न्यूज़ चैनल 'भारत समाचार' पर भी छापा मारा गया. सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स की एक टीम ने कर दस्तावेजों की जांच के लिए लखनऊ कार्यालय और संपादक के घर की तलाशी ली.
देश के सबसे बड़े अखबार समूहों में से एक, दैनिक भास्कर अप्रैल-मई में कोविड की दूसरी लहर में तबाही के पैमाने पर रिपोर्टिंग में सबसे आगे था. दैनिक भास्कर ने उन रिपोर्टों की एक श्रृंखला छापी, जिनमें महामारी के दौरान आधिकारिक दावों की तीखी आलोचना की गई, क्योंकि संक्रमण के दौर में लोगों के लिए ऑक्सीजन, अस्पताल में बिस्तर और वैक्सीन उपलब्ध नहीं थी.
आयकर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि छापे चैनल द्वारा "कर धोखाधड़ी के निर्णायक सबूत" पर आधारित थे. भारत समाचार की हालिया रिपोर्टिंग में यूपी सरकार की आलोचना की गई है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि छापे सरकार द्वारा कोविड के "कुप्रबंधन" पर रिपोर्टों से जुड़े थे.
वही विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र का गला घोंटने का क्रूर प्रयास बताया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से दैनिक भास्कर ने मोदी सरकार के कोविड-19 महामारी के बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन को उजागर किया है. वह अब कीमत चुका रहा है. अघोषित आपातकाल जैसा कि अरुण शौरी ने कहा है - यह एक संशोधित आपातकाल है." राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे मीडिया की आवाज को दबाने की खुली कोशिश करार दिया.