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विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में हिंसक प्रदर्शनों पर बोले सेना प्रमुख रावत-लीडर वह नहीं जो...
नई दिल्ली। देश में जारी विरोध-प्रदर्शनों पर लेकर देश की राजनीति में जमकर बवाल हो रहा है। वहीं, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए है।नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में हिंसा को लेकर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि नेता वे नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में ले जाए।
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमने देखा है कि किस तरह बड़ी संख्या में छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से निकलकर आगजनी और हिंसा करने के लिए लोगों और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं। हिंसा भड़काना नेतृत्व करना नहीं है। असल मायने में लीडरशिप आपको सही दिशा दिखाने का काम करती है।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले दिनों असम में छात्र यूनियन सड़कों पर उतरी थीं, उसके बाद दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था। आज हम सब बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है।
सेना प्रमुख ने नेतृत्व पर बोलते हुए कहा कि यह आसान काम नहीं बल्कि बहुत मुश्किल काम है। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि लीडरशिप एक मुश्किल काम है क्योंकि जब आप आगे बढ़ते हैं तो बड़ी संख्या में लोग आपको फॉलो करते हैं। यह दिखने में सामान्य लगता है, लेकिन यह बहुत-बहुत मुश्किल काम है क्योंकि आपके पीछे एक बहुत बड़ी भीड़ है।
सियाचिन और हिमालयी राज्यों में जवान ठंड से जूझ रहे
उन्होंने कहा कि जब हम खुद को ठंड से बचाने के लिए दिल्ली में हैं, वहीं सियाचिन के साल्तोरो रिज और अन्य हिमालयी इलाकों में हमारे सेना देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं। जबकि वहां का तापमान माइनस 10 से 45 डिग्री के बीच का होता है। मैं उन सैनिकों की सलामती की प्रार्थना करता हूं।
#WATCH Army Chief Gen Bipin Rawat: Leaders are not those who lead ppl in inappropriate direction. As we are witnessing in large number of universities&colleges,students the way they are leading masses&crowds to carry out arson&violence in cities & towns. This is not leadership. pic.twitter.com/iIM6fwntSC
— ANI (@ANI) December 26, 2019