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अरुण जेटली ने कहा कि जसवंत सिंह को एडजस्ट किया जाएगा, तो मंच से जसवंत ने दिया था ये तीखा जबाब
वो जसवंत सिंह, जिन्हें ये पता ही नहीं कि उनके मित्र एवं गुरु अटल बिहारी बाजपेयी जी 2 साल पहले ही दुनिया छोड़ चुके हैं। जसवंत सिंह जी बहुत दिनों से कोमा में थे और अटल जी के बारे में सुन कर उनकी हालत और खराब हो सकती थी, इसी वजह से जसवंत जी को अंतिम समय तक ये नहीं बताया गया कि अटल जी नहीं रहे।
वो जसवंत सिंह, जिनसे एक निजी चैनल पर जब कहा गया कि 'वे जिस बस को लेकर लाहौर गए थे पाकिस्तान ने उस बस की हवा निकाल दी' तो इसके जवाब में उनका कहना था कि 'गंभीरता दिखाइए, ऐतिहासिक फैसलों पर इतनी हल्की टिप्पणी करना सही बात नहीं है।'
वो जसवंत सिंह, जो अपनी किताब 'जिन्ना: इंडिया-पार्टीशन, इंडिपेंडेंस' में एक तरीके से जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष होने का सर्टिफिकेट देते नजर आए थे। अपनी किताब में उन्होंने सरदार पटेल और पंडित नेहरू को देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
वो जसवंत सिंह, जो कंधार विमान अपहरण कांड के वक्त वे विदेश मंत्री थे और तीनों आंतकियों को कंधार छोड़ने भी वही गए थे। और वो जसवंत सिंह, जो राजस्थान की एक सभा में अरुण जेटली के एडजस्ट करने वाली बात पर जोर से माइक कहते हैं कि 'मैं जसवंत सिंह हूँ, जसवंत सिंह..कोई मेज या कुर्सी नहीं हूं, जिसे कहीं भी एडजस्ट कर दिया जाए।'