- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
'अगर मौका मिलता तो संभल में सितंबर में ही हो जाता हमला', पूछताछ में आरोपियों का बड़ा खुलासा
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर जो हमला हापुड के छिजारसी टोल पर हुआ, अगर हमलावरों को मौका मिलता तो यह हमला सितंबर महीने में संभल में ही हो जाता और वह ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता. पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी सचिन शर्मा और उसके साथी ने शुभम ने कई अहम खुलासे किए हैं. फिलहाल जेल भेजे जा चुके दोनों आरोपियों को अब पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में है.
गुरुवार हापुड़ के छिजारसी टोल पर असदुद्दीन ओवैसी पर जिन दो हथियारों से गोली चली वह मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के राधना गांव से ही खरीदे गए थे. मुख्य आरोपी सचिन शर्मा के पास से 9 एमएम की पिस्टल और 3 खोखे पुलिस को बरामद हुए तो वहीं शुभम के पास से एक 32 बोर का रिवाल्वर और एक खोखा बरामद हुआ. दोनों ही आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में इतना तो साफ हो गया कि इस हमले में किसी अन्य साजिशकर्ता की फिलहाल भूमिका नहीं है. मुख्य आरोपी सचिन शर्मा ने ही इस पूरी घटना की प्लानिंग रची और अपने दोस्त शुभम को इसमें साथ लिया.
पहले भी हमले की कोशिश कर चुका था सचिन सचिन शर्मा ने 3 से 4 बार कोशिश भी की. कई बार ओवैसी की रैलियों में पहुंचा, भीड़ के बीच उनके पास भी पहुंचा, लेकिन मौका नहीं मिला. पूछताछ में सचिन शर्मा ने बताया कि सितंबर में संभल में हुई एक रैली के दौरान भी सचिन ओवैसी के पास पहुंच गया था, लेकिन इससे पहले कि वह पिस्टल निकालता, उससे पहले सेल्फी लेने वाली भीड़ ने उसको वहां से धक्का देकर पीछे कर दिया. गुरुवार को भी सचिन ने ही ओवैसी के ऊपर पहली गोली चलाई. ओवैसी की गाड़ी सचिन ने नीचे की ओर इसलिए ज्यादा गोलियां चलाई क्योंकि उसे अंदाजा था कि हमला होते ही आदमी आगे की तरफ झुकता है, नीचे बैठता है. ऐसे में नीचे गोली मारेंगे तो जरूर लगेगी. बस इसी नियत से सचिन ने 3 गोली चलाई और शुभम के रिवाल्वर से एक गोली चली.
फिलहाल, पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है. सोमवार को पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली जा सकती है ताकि पता चले कि यह हथियार मेरठ के किठौर से किससे खरीदे गए थे. इतना ही नहीं सचिन ने जिस 9 एमएम की पिस्टल से गोली चलाई, उसका कारतूस भी कहां से मिला? पुलिस के लिए बड़ा सवाल होगा क्योंकि 9 एमएम प्रतिबंधित बोर है और इसका कारतूस सिर्फ पुलिस को ही मिलता है. ऐसे में सचिन के पास 9 एमएम के कारतूस कहां से आई? सचिन के पास से पुलिस को 6 जिंदा कारतूस और 9 एमएम के 3 खोखे बरामद हुए थे.