राष्ट्रीय

Ayodhya Mosque: मक्का से आई सोने की आयतें लिखी काली ईंट, अप्रैल में शुरू होगा अयोध्या में मस्जिद का काम!

Special Coverage Desk Editor
8 Feb 2024 12:36 PM GMT
Ayodhya Mosque: मक्का से आई सोने की आयतें लिखी काली ईंट, अप्रैल में शुरू होगा अयोध्या में मस्जिद का काम!
x
Ayodhya Mosque: जिस ईंट से अयोध्या मस्जिद की नींव रखी जाएगी, वो मक्का से भारत पहुंच चुकी है. जल्द ही ये काली ईंट अयोध्या पहुंचाई जाएगी जिससे मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद की नींव रखी जानी है.

Ayodhya Mosque: अयोध्या में राम मंदिर के साथ-साथ एक और अंतरराष्ट्रीय स्तर का निर्माण होने जा रहा है, अयोध्या में बनने वाली भव्य मस्जिद भी दुनिया भर के मुस्लिम पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगी. 'मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद' में इस्लाम के सिद्धांतों पर आधारित पांच मीनारें होंगी. इसके लिए मुसलमानों के पवित्र स्थान मक्का से पवित्र काली ईंट भारत आ चुकी है, जिसके बाद मस्जिद का निर्माण अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है. इस ईंट पर सोने से पवित्र कुरान की आयतें लिखी हैं. इस ईंट को मक्का शरीफ और मदीना शरीफ में पवित्र जल जमजम और इत्र से गुस्ल (स्नान) और प्रार्थना करने के बाद लाया गया है.

मस्जिद में भारत की विविध संस्कृति को दर्शाती भगवा रंग की कुरान भी रखी जाएगी. लोगों को आशा है कि मस्जिद न केवल एक वास्तुशिल्प का नायाब मुजस्सिमा होगी, बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक भी बनेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण ईद के बाद अप्रैल में शुरू होगा. सामने की ओर आयतें लिखी हुई हैं और ईंट के चारों ओर सोने से 'पैगंबर' का नाम लिखा हुआ है. मक्का में निकली और कुरान की सुनहरी 'आयतों' से सजी एक अनोखी ईंट, मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद के शिलान्यास समारोह के लिए अयोध्या लाई गई है.

अयोध्या में आवंटित पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद निर्माण की देखरेख के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (यूपीएससीडब्ल्यूबी) की ओर से स्थापित निकाय, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के प्रतिनिधियों ने इस पवित्र ईंट के आने की पुष्टि की है. ये पवित्र ईंट मक्का से दिल्ली आ चुकी है, जबकि अप्रैल में मस्जिद के शिलान्यास के दौरान ये ईंट अयोध्या पहुंचेगी.

इसे 29 फरवरी को मुंबई में एक कार्यक्रम में रखा जाएगा, जिसके बाद ईंट को अजमेर शरीफ लाया जाएगा. धन्नीपुर में 'मुहम्मद बिन अब्दुल्ला' मस्जिद के निर्माण के लिए जिम्मेदार इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईएफसी) की ओर से इसका पूरा कार्यक्रम तय किया जाएगा. 5 दिवसीय सड़क यात्रा के दौरान जगह-जगह प्रार्थनाएं होंगी. इसके अयोध्या पहुंचने के बाद मस्जिद निर्माण में तेजी आएगी. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सदस्य और मस्जिद निर्माण समिति के प्रमुख हाजी अराफात ने कहा है कि यह एक ऐसी मस्जिद होगी जो अल्लाह की इबादत के साथ-साथ लोगों की भलाई के लिए भी जानी जाएगी.

उन्होंने कहा कि मक्का-मदीना से बेहतर जगह क्या हो सकती है? आप देखेंगे कि जब यह ईंट अयोध्या पहुंचेगी तो हर जगह इसका स्वागत और प्रार्थनाएं होगी. इसमें हर संप्रदाय के लोग शामिल होंगे. 340 फीट ऊंची पांच मीनारों वाली यह मस्जिद वास्तुशिल्प भव्यता वाली देश की पहली मस्जिद होगी. ये मीनारें इस्लाम के पांच मूलभूत सिद्धांतों - शाहदा, सलाह, सॉम, जकात और हज का प्रतीक होगी.

Special Coverage Desk Editor

Special Coverage Desk Editor

    Next Story