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फांसी से पहले दोषी मुकेश और विनय ने बताई अपनी आखरी इच्छा , एक की रह गयी अधूरी

Arun Mishra
22 March 2020 2:19 PM IST
फांसी से पहले दोषी मुकेश और विनय ने बताई अपनी आखरी इच्छा , एक की रह गयी अधूरी
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फांसी दिए जाने से चंद मिनट पहले दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई थी। चार दोषियों में केवल विनय और मुकेश ने ही जेल प्रशासन को अपनी आखिरी ख्वाहिश बताई। विनय ने जहां कहा कि उसकी बनाई पेंटिंग, उसकी हनुमान चालीसा व उसके गुरु की फोटो परिजनों को सौंप दी जाए। इस दौरान विनय की आंखें नम थीं। वहीं मुकेश ने अंगदान की इच्छा जाहिर की। हालांकि, अधिकारी इस बात को मानने से इनकार कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार जेल मैनुअल के हिसाब से दोषियों से अधिकारी उसकी आखिरी इच्छाओं के बारे में एक बार जरूर पूछते हैं। अमूमन इस दौरान यदि किसी को अपनी वसीयत किसी के नाम पर करनी होती है तो उसे तत्काल वहां पूरा किया जाता है।

चारों से बारी-बारी पूछी गई आखिरी इच्छा

जेल मैनुअल के प्रावधान का पालन करते हुए ही अधिकारियों ने बारी-बारी से चारों दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा के बारे में पूछा। पवन व अक्षय ने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा, उनकी चुप्पी देख अधिकारियों ने दोबारा उनसे इस बावत पूछा लेकिन वे मौन ही रहे।

विनय ने बनाई थी पेटिंग

विनय से जब उसकी आखिरी इच्छा के बारे में पूछा गया तो उसने अपनी पेंटिंग व हनुमान चालीसा के बारे में अधिकारियों को बताया। सूत्रों के मुताबिक उसने जिस पेंटिंग को परिजन को देने की बात कही वह उसने जेल संख्या चार में रहने के दौरान बनाई थी। यह पेंटिंग पूरी तरह नहीं बन सकी थी। उसने इसे पूरा करने की इच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन उसकी यह इच्छा अधूरी ही रही।

सूत्रों के मुताबिक इस पेंटिंग में चार लोगों को एक फंदे के पास खड़ा हुआ दर्शाया गया है। यह पेंटिंग जेल संख्या चार स्थित तिहाड़ स्कूल आफ आर्ट में पेंटिंग से जुड़े प्रशिक्षण के दौरान विनय ने बनाई थी। जेल अधिकारियों का कहना है कि जिस भी दोषी की जो भी वस्तु है, उसे उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। यदि किसी दोषी के खाते में धनराशि होगी तो वह भी उनके परिजनों को दी जाएगी।

अक्षय और मुकेश थे एक ही सेल में

जेल सूत्रों का कहना है कि चार दोषी तीन अलग-अलग सेल में थे। इनमें अक्षय व मुकेश एक ही सेल में थे। वहीं विनय व पवन अलग-अलग सेल में थे। हालांकि, चारों एक दूसरे से मिलना चाहते थे, लेकिन इनके एक साथ मिलने के अनुरोध को नहीं माना गया। हालांकि अंतिम समय में ये फांसी घर के प्लेटफार्म पर एक साथ ही खड़े थे, लेकिन चेहरा ढका होने के कारण ये एक दूसरे को नहीं देख पाए।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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