- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
बुद्धवार को देश में दूसरी बार एक दिन में 4 लाख से ज़्यादा कोरोना के मरीज़ मिलने के बाद इसे कोरोना की सुनामी बताया जा रहा है। पहली बार 30 अप्रैल को 4 लाख से ज्यादा मरीज़ मिले थे। दूसरी बार पांच मई को। तो क्या एक से 4 मई देश में कोरोना की सुनामी की जगह ठंडी हवा के झोंके चल रहे थे?
इन चार दिनों में चार लाख से कम कोरोना के नए मरीज़ मिले थे। लोगों को लगा कि कोरोना का क़हर कम हो रहा है। पांच मई को अचानक नए मरीज़ों का आंकड़ा 4 लाख 12 हज़ार के पार चला गया। अब लोगों को फिर लगा कि कोरोना का सुनामी आ गई है।
आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है? दो-चार दिन कम मरीज़ मिलते हैं। फिर अचानक आंकड़ा बढ़ जाता है। फिर गिरने लगाता है। दरअसल रोज़ाना होने वाले कोरोना टेस्ट की संख्या घटाकर मरीज़ों की संख्या कम दिखाई जा रही है। सरकारी नीति यही है। कम टेस्ट मरीज़, ज़्यादा टेस्ट, ज़्यादा मरीज़। जब आंकड़ा आसमान छूने लगता है तो दो-चार दिन टेस्टिंग कम कर दी जाती है। नए मरीज़ों का आंकड़ा थोड़ा नीचे आ जाता है। लोगों को लगता है कि सरकार कुछ तो कर रही है। ये बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी है। बहुत बड़ा मुग़ालता है।
आइए, रोज़ाना होने वाले कोरोना के टेस्ट, नए मरीज़ों का आंकड़ा और पॉज़िटिविटी रेट के आपसी तालमेल को ज़रा बारीकी से समझते हैं। मंगलवार को देश में कोरोना के 3,82,847 नए मरीज़ मिले। देश को बताया गया कि में कोरोना का कहर कम हो रहा है, क्योंकि लगातार चार दिन 4 लाख से कम नए मरीज़ मिले हैं। ऊपरी तौर पर देखने से ये सच लगता है। लेकिन हक़ीक़त एकदम उलट है। दरअसल मंगलवार को देशभर में कोरोना के कुल 15.40 लाख टेस्ट हुए थे और पॉज़िटिविटी रेट 24.86 था। अगर टेस्ट 20 लाख हुए होते तो नए मरीज़ों का आंकड़ा पांच लाख के क़रीब होता।
पांच मई यानि बुद्धवार को अचानक कोरोना के नए मरीज़ो का आंकड़ा 4,12,624 पहुंच गया। देश में एक बार फिर हाहाकार मच गया। दरअसल इस दिन 19.20 लाख टेस्ट हुए और पॉज़िटिविटी रेट 21.49 प्रतिशत रहा। 30 अप्रैल को देश में पहली बार एक दिन में 4,02,014 नए मरीज़ मिले थे। उस दिन देश में एक दिन में सबसे ज्यादा 19.5 लाख टेस्ट हुए थे। उस दिन पॉज़िटिविटी रेट 20.61 प्रतिशत था।
पहली मई को एक नए मरीज़ों की संख्या घटकर 3,92,576 रह गई। देश ने राहत की सांस ली कि चलो कुछ को तो कमी आई। लेकिन हक़ीक़त यह है कि उस दिन सिर्फ़ 18 लाख टेस्ट हुए थे और पॉज़िटिविटी रेट था 21.89 प्रतिशत। इसका मतलब यह हुआ कि अगर उस दिन भी 19.5 लाख टेस्ट हुए होते तो नए मरीज़ों का आंकड़ा सवा चार लाख को पार कर जाता।
दो मई को और भी कम सिर्फ़ 3,70,090 नए मरीज़ मिले। इस दिन देशभर मे सिर्फ़ 15 लाख टेस्ट हुए। इस दिन पॉज़िटिविटी रेट 24.67 प्रतिशत रहा था। अगर उस दिन 20 लाख टेस्ट हुए होते तो मरीज़ों का आंकड़ा 4,95,200 होता। यानि पांच लाख को छू सकता था। इसी तरह तीन मई को सिर्फ 16.6 लाख टेस्ट हुए और 3,55,769 नए मरीज़ मिले। पॉज़िटिविटी रेट 21.43 रहा। अगर टेस्ट 20 लाख होते तो मरीज़ों का आंकड़ा 4,28,600 होता।
पिछले 9 दिन से पॉज़िटिविटी रेट लगातार 20 फ़ीसदी से ज्यादा बना हुआ है। पिछले एक महीने के आंकड़ों का विशलेषण करने से पता चलता है कि एक दिन में होने वाले टेस्ट की संख्या बढ़ने के साथ ही पाज़िटिविटी रेट भी लगातार बढ़ रहा है। देश के कुछ ज़िलों में में यह 50 फ़ीसदी से ऊपर पहुंच चुका है। बैंगलुरु में सबसे ज़्य़ादा 55 फीसदी है।
देश में पहली बार एक दिन में 10 लाख ज्यादा कोरोना टेस्ट 17 मार्च 2021 को हुए थे। उस दिन 10.60 लाख टेस्ट पर 35838 नए मरीज़ मिले थे। उस दिन पॉज़िटिविटी रेट सिर्फ़ 3.38 प्रतिशत था। लेकिन पहली अप्रैल को 11.10 लाख टेस्ट पर 81399 नए मरीज़ मिले और पॉज़िटिविटी रेट बढ़ कर 7.33 प्रतिशत हो गया। 10 अप्रैल को पहली बार 14 लाख से टेस्ट हुए तो पॉज़िटिविटी रेट बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गया। 16 अप्रैल को 15 लाख टेस्ट पर पॉज़िटिविटी रेट 15.60 प्रतिशत हो गया। 20 अप्रैल को 16.4 लाख टेस्ट पर पॉज़िटिविटी रेट 17.94 प्रतिशत हो गया।
हैरान करने वाली बात यह है कि 25 अप्रैल को पॉज़िटिविटी रेट सबसे ज़्यादा 25.33 प्रतिशत था। उस दिन सिर्फ़ 14 लाख टेस्ट हुए थे और 3,54,658 नए मरीज़ मिले थे। उसके अगले दिन यानि 26 अप्रैल को ये घटकर 19.24 प्रतिशत रह गया था। लेकिन 27 अप्रैल से अब तक पॉज़िटिविटी रेट लगातार 20 प्रतिशत से ज़्यादा बना हुआ है।
देश में कोरोना संक्रमण कितनी तेज़ी से फैल रहा है? यह समझने के लिए नीचे मैं कुछ आंकड़े दे रहा हूं। 21 अप्रैल को देश में पहली बार कोरोना के तीन लाख से ज़्यादा मरीज़ मिले थे। उस दिन 16.50 लाख टेस्ट हुए थे और पॉज़िटिविटी रेट 19.13 प्रतिशत था। तब से अब तक पॉज़िटिविटी रेट 25 प्रतिशत के क़रीब पहुंच गया है। 30 अप्रैल को 19.50 लाख टेस्ट कराने के बाद टेंस्ट की संख्या कम कर दी गई है। इस लिए मई में चार लाख से कम नए मरीज़ मिल रहें हैं। अहर टेस्ट बढ़ जाएगें तो नए मरीज़ों का संख्या भी बढ़ेगी।
तारीख़ टेस्ट नए मरीज़ पॉज़िटिविटी रेट(प्रतिशत)
21 April 2021 16.5 3,15,752 19.13
22 April 2021 17.4 3,32,531 19.11
23 April 2021 17.5 3,45,296 19.73
24 April 2021 17.2 3,48,996 20.29
25 April 2021 14.0 3,54,658 25.33
26April 2021 16.6 3,19,471 19.24
27 April 2021 17.2 3,62,913 21.09
28 April 2021 17.7 3,79,404 21.43
29 April 2021 19.2 3,86,773 20.14
30 April 2021 19.5 4,02,014 20.61
01 May 2021 18.0 3,92,576 21.80
02 May 2021 15.0 3,70,090 24.67
03 May 2021 16.6 3,55,769 21.43
04 May 2021 15.4 3,82,847 24.86
05 May2021 19.2 4,12,624 21.49