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महागठबंधन को बड़ा झटका, तीन विधयाकों ने थामा सत्ताधारी पार्टी का दामन
तेलंगाना के विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस और टीडीपी को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस और टीडीपी के तीन विधायक TRS में शामिल हो गये. तेलंगाना में विधानसभा परिषद चुनावों से पहले 2 कांग्रेस और एक टीडीपी विधायक के सत्ताधारी दल टीआरएस में शामिल होने की खबर है. क्या है पूरा मामला? तेलंगाना में कांग्रेस के दो और तेलगु देशम पार्टी पार्टी के एक विधायक ने सत्ताधारी दल तेलंगाना राष्ट्र समिति में शामिल होने का फैसला किया है. बता दें कि राज्य में 12 मार्च को विधान परिषद के चुनाव हैं. ऐसे में विधायकों के दल बदल से TRS को खास फायदा होने की संभावना है. दल बदलने का ऐलान खुद इन विधायकों ने किया है.
टीडीपी विधायक सानद्रा वेंकट वीरैया राज्य खम्मम जिला स्थित सथुपल्ली विधानसभा सीट से विधायक है. बीते साल दिसंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में वीरैया तीसरी बार इस सीट से जीते हैं. टीडीपी विधायक सानद्रा वेंकट वीरैया राज्य खम्मम जिला स्थित सथुपल्ली विधानसभा सीट से विधायक है. बीते साल दिसंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में वीरैया तीसरी बार इस सीट से जीते हैं.
दल बदलने के फैसले पर वीरैया ने कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों से प्रभावित हैं. दिसंबर 2018 के तेलंगाना में विधानसभा चुनाव में टीडीपी ने सिर्फ दो विधानसभा सीटें जीती थीं. शनिवार को वीरैया ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात भी की थी.
कांग्रेस के दो विधायकों ने भी सत्ताधारी टीआरएस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस के दो विधायक रेगा कांता राव और अथराम सक्कू ने ऐलान किया कि वे टीआरएस के साथ जाएंगे. पीनापका से विधायक रेगा कांता राव और असिफाबाद से विधायक अथराम सक्कू ने कहा कि उन्होंने यह जनजातीय लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है.
119 सदस्यों वाली तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस के कुल 19 विधायक जीत कर आए थे, हालांकि अथराम और रेगा के टीआरएस में जाने के बाद अब यह संख्या घटकर 17 रह गई है]
विधान परिषद में पांच खाली पदों के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने एक उम्मीदवार. टीआरएस ने चार उम्मीदवारों को उतारा है जिसमें से एक सीट उसके सहयोगी एआईएमआईएम के पास है. टीआरएस के पास 88 विधायक हैं, जिसमें दो अन्य विधायक भी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं. एआईएमआईएम के सात विधायक हैं. कांग्रेस एमएलसी चुनाव में टीडीपी के दो विधायकों के समर्थन पर लड़ रही थी.