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Big Breaking: सुप्रीम कोर्ट ने ED निदेशक संजय मिश्रा की नियुक्ति बताई अवैध, 31 जुलाई तक पद पर बने रहें

Shiv Kumar Mishra
11 July 2023 9:15 AM GMT
Big Breaking: सुप्रीम कोर्ट ने ED निदेशक संजय मिश्रा की नियुक्ति बताई अवैध, 31 जुलाई तक पद पर बने रहें
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Big Breaking SC says ED Director Sanjay Mishra cannot continue beyond July 31.

प्रवर्तन निदेशालय यानि ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाया गया। इस मामले में तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया। फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संजय करोल शामिल हैं। अदालत ने अपना फैसला दोपहर दो बजे सुनाया।

8 मई को ED निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढाने को चुनौती देने वाली 11 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को दिया गया विस्तार कानूनन अमान्य करार दिया है। उन्हे आगामी 31 जुलाई तक पद पर बने रहने के लिए कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र द्वारा ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को दिया गया विस्तार कानूनन अमान्य है। कानूनी प्रक्रिया के तहत नियुक्ति नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एस के मिश्रा को मिले सेवा विस्तार को गलत करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगातार तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाना अवैध है। इससे पहले केंद्र सरकार ने संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल दो बार बढ़ा दिया था।

ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को लेकर बढ़ी चर्चा हो रही थी। 31 जुलाई तक उनको दफ्तर भी खाली करना होगा। कोर्ट ने कहा है कि उनकी जगह सरकार को नए ईडी निदेशक को नियुक्त करें। कोर्ट ने कहा है कि वो इस्तीफा भी दे सकते है सरकार नए निदेशक की नियुक्ति करे। बता दें कि अब सरकार और सुप्रीम कोर्ट आमने सामने आ गए है।

अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट में भरोसा दिया है कि नवंबर 2023 यानी तीसरे सेवा विस्तार की अवधि पूरी होने के बाद कोई नया विस्तार नहीं दिया जाएगा, क्योंकि सरकार कानून से परे नहीं जाएगी. वहीं एमिकस क्यूरी रहे के वी विश्वनाथन ने कहा कि सरकार के अध्यादेश को रद्द किया जाए। सुनवाई के दौरान सरकार ने मिश्रा को दिए सेवा विस्तार को उचित ठहराते हुए दलील दी कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स फैट की वजह से स्थाई अधिकारी की आवश्यकता थी।

इसलिए उनको तीसरा सेवा विस्तार देना पड़ा. केंद्र सरकार ने नवम्बर 2021 में अध्यादेश के ज़रिए ED/CBI निदेशक का कार्यकाल 5 साल तक रहने की व्यवस्था बनाई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला जया ठाकुर, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, साकेत गोखले आदि ने इसके खिलाफ याचिका दायर की है। वहीं केंद्र का कहना है कि याचिकाकर्ताओं की पार्टी के कई नेता ED जांच के दायरे में हैं. ये याचिकाएं दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपों का सामना कर रहे अपने नेताओं को बचाने की कोशिश है।

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